Supreme Court Reprimands Jharkhand Government: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस साल जुलाई की मध्यरात्रि में एक पत्रकार (Journalist) को उसके बेडरूम से गिरफ्तार करने के लिए सोमवार को झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की खिंचाई करते हुए कहा कि उसके खिलाफ कार्रवाई राज्य की सत्ता का अत्यधिक इस्तेमाल है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) और हिमा कोहली (Hima Kohli) ने कहा कि पुलिस रात 12 बजे पत्रकार के घर गई और उसे अपने बेडरूम से बाहर निकाला, और ये मीडिया या पत्रकार के साथ व्यवहार करने का तरीका नहीं है. 'यह झारखंड में अराजकता है.' पीठ ने कहा कि ये राज्य की शक्ति का अत्यधिक उपयोग भी है.


'आतंकवादी के साथ नहीं, बल्कि पत्रकार के साथ व्यवहार कर रहे हैं'
पीठ ने झारखंड सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से कहा कि, "आप एक आतंकवादी के साथ नहीं, बल्कि एक पत्रकार के साथ व्यवहार कर रहे हैं." झारखंड सरकार के वकील ने कहा कि पत्रकार जबरन वसूली और धोखाधड़ी के कई आरोपों का सामना कर रहा है.


शीर्ष अदालत ने की मौखिक टिप्पणी 
शीर्ष अदालत ने पत्नी की याचिका पर पत्रकार अरूप चटर्जी को जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार की अपील पर सुनवाई करते हुए ये मौखिक टिप्पणी की. उसे 16 और 17 जुलाई की दरम्यानी रात रंगदारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. चटर्जी को 2 दिन बाद रिहा कर दिया गया था.


वकील ने दिया ये तर्क
झारखंड के वकील ने तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने आदेश पारित करने से पहले चटर्जी की पत्नी की याचिका पर पुलिस की तरफ से अपनी स्थिति रिपोर्ट जमा करने का इंतजार नहीं किया. पीठ ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया क्योंकि जमानत आदेश एक अंतरिम था.


पत्रकार की पत्नी ने किया ये दावा 
चटर्जी की पत्नी ने दावा किया कि धनबाद पुलिस ने उनके पति को रांची में उनके आवास से गिरफ्तार किया और स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया, जो सीआरपीसी के तहत अनिवार्य है. उच्च न्यायालय में, उसने दावा किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कहानी प्रसारित करने के लिए उसके पति को परेशान किया गया और उसे निशाना बनाया गया.


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