Jharkhand Lumpy Virus: लंपी वायरस से फैलने वाली पशुओं की खतरनाक बीमारी ने झारखंड (Jharkhand) में भी दस्तक दे दी है. पशुपालन विभाग को रांची (Ranchi), देवघर (Deoghar), चतरा (Chatra) में बीमार पशुओं में इससे मिलते-जुलते लक्षण पाए गए हैं. पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान में इसकी जांच की जा रही है. सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को सतर्क रहने और टीका खरीदने को कहा गया है. वायरस के खतरे को देखते हुए विभाग के उच्च अधिकारियों ने सभी जिला पशुपालन पदाधिकारी और नोडल पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं.


अलर्ट मोड पर हैं अधिकारी 
पदाधिकारियों को कहा गया है कि इस तरह की बीमारी से संक्रमित पशु अगर उनके जिले में पाए जाएं तो नमूने को कोल्ड चेन में रख कर शीघ्र संस्थान को भेज दें. लंपी वायरस और इसके चलते मवेशियों में आ रही बीमारियों की रोकथाम से बचाव के लिए पशुपालकों को जागरूक करने का अभियान भी विभाग ने शुरू करने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए निदेशक, पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान की ओर से पर्चे  भी छपवाए जा रहे हैं. इन्हें आमजन, पशुपालकों के बीच वितरित किया जाएगा. पशुपालकों को इस बीमारी की जानकारी और सलाह के लिए विभाग की तरफ से टोल फ्री नंबर 1800309771 भी जारी किया गया है. इस नंबर पर पशुपालक 11 से 5 के बीच पशु चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं. 


लंपी वायरस के लक्षण
बता दें कि, लंपी एक विषाणुजनित संक्रामक बीमारी है. ये मुख्य रूप से गोवंश को संक्रमित करता है. ये रोग संक्रमित मक्खियों, मच्छरों और चमोकन के काटने से होता है. इसमें आमतौर पर पशुओं की खाल पर गांठ पड़ जाती हैं फिर उनमें पस पड़ जाता है. घाव आखिर में खुजली वाली पपड़ी बन जाते हैं, जिस पर वायरस महीनों तक बना रहता है. ये वायरस जानवर की लार, नाक के स्राव और दूध में भी पाया जा सकता है. इसके अलावा, पशुओं की लसीका ग्रंथियों में सूजन आना, बुखार आना, अत्यधिक लार आना और आंख आना, वायरस के अन्य लक्षण हैं. 


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