Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन के मामले में निलंबित की गईं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की झारखंड काडर की अधिकारी पूजा सिंघल को उनकी बीमार बेटी की देखभाल के लिए मंगलवार को अंतरिम जमानत दे दी. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने सिंघल की मुख्य जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को तीन सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिए. धनशोधन निरोधी जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि याचिका में अशुद्वियां हैं और उसमें कोई दम नहीं है.
11 मई से हिरासत में थीं पूजा
उन्होंने कहा,‘‘ मैं इस प्रकार की याचिकाओं का विरोध करने वाला अंतिम व्यक्ति होंऊंगा.’’ शीर्ष अदालत ने सिंघल की याचिका सुनवाई के लिए छह फरवरी के लिए सूचीबद्ध की है, साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई हैं कि जब तक शहर में मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, वह रांची नहीं जाएंगी. सिंघल की संपत्तियों पर छापे पड़ने के बाद वह 11 मई से हिरासत में हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने सिंघल पर धन शोधन का आरोप लगाया है. ईडी ने कहा कि उसने धन शोधन से जुड़े दो मामलों की जांच के दौरान कथित अवैध खनन से जुड़ी 36 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त की है.
पूजा सिंघल के वकील ने क्या कहा?
इससे पहले हुई सुनवाई में सिंघल के वकील ने अदालत से कहा था कि उनकी मुवक्किल की बेटी बीमार है और उसे देखभाल की जरूरत है. इस पर शीर्ष अदालत ने जांच एजेंसी से सिंघल की बेटी की तबियत के बारे में पता करने और पीठ को सूचित करने के निर्देश दिए थे.
जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की बेंच ने कहा, "याचिकाकर्ता की बेटी के लिए आवश्यक निदान के मद्देनजर हम रिहाई की तारीख से फिलहाल के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत देते हैं." अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) राजू द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि इस एक महीने के दौरान सिंघल को रांची में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
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