(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand: निलंबित IAS पूजा सिंघल की याचिका पर SC में 21 अप्रैल को सुनवाई, करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप
Ranchi: ईडी की ओर से पूजा सिंघल समेत अन्य के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में बताया गया था कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए उनके खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ अधिक आए थे.
Jharkhand News: मनरेगा घोटाला और मनी लांड्रिंग केस में जेल में बंद झारखंड की चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को सुनवाई करेगा. पूजा सिंघल तीन महीने की अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर निकली थीं. इसके बाद 12 अप्रैल को जमानत अवधि पूरी होने के बाद उन्हें फिर जेल भेजा गया था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में 13 अप्रैल को सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सकी. इसके बाद सुनवाई अब 21 अप्रैल को होनी है.
आपको बता दें कि, पूजा सिंघल को ईडी ने 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पूजा को सुप्रीम कोर्ट ने बेटी के इलाज के लिए दो बार में तीन महीने की अंतरिम जमानत की सुविधा दी थी. गौरतलब है कि, झारखंड की निलंबित खान एवं उद्योग सचिव पूजा सिंघल पर खूंटी का डीसी रहते हुए 18 करोड़ रुपये का मनरेगा घोटाला करने का आरोप है. हीं दौरान उनके खाते में सैलरी से 1.43 करोड़ अधिक रुपये आए थे. मनी लाउंड्रिंग केस में उनके और उनके करीबियों के ठिकानों पर 6 मई 2022 को ईडी ने छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार के आवास एवं कार्यालय से 19 करोड़ रुपये से अधिक की नगदी मिली थी.
ED ने 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी
इसके साथ ही पूजा सिंघल के आवास से निवेश संबंधी कई दस्तावेज भी मिले थे. वहीं आगे चलकर जब जांच का दायरा साहिबगंज सहित अन्य जिलों में अवैध पत्थर खनन तक पहुंचा तो उसमें भी पूजा सिंघल का नाम आया. इसके साथ ही ईडी ने 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी. पूजा सिंघल तब झारखंड की खान सचिव हुआ करती थीं. ईडी ने पूजा सिंघल को 11 मई को गिरफ्तार किया था. 25 मई को उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार (होटवार) भेज दिया गया था. तब से पूजा सिंघल जेल तीन महीने के लिए जमानत पर बाहर आई थीं.
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