Jharkhand News: जमशेदपुर के शहरी इलाके में टाटा स्टील यूआइएसएल की बिजली दर में बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव पर झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के सामने कल सुनवाई हुई. चेंबर भवन में आयोजित सुनवाई में सभी पक्षों को आयोग के सदस्यों ने सुना. चेंबर समेत अन्य संगठनों से नए प्रस्ताव का विरोध किया है. इस जनसुनवाई में सभी लोगों का कहना था कि, दिसंबर 2022 में जब टाटा स्टील यूआईएसएल अपने कमांड एरिया में 10% से अधिक बिजली की दर बढ़ाई है, फिर मात्र छह महीने के अंदर 15 से 18% और बिजली की दर बढ़ाने का क्या मतलब है. इन बातों को लेकर आम जनता में आक्रोश है.
वहीं समाजसेवी जवाहर लाल शर्मा ने कहा कि, जिस समय घर बनाया था, उसी समय बिजली के लिए सिक्योरिटी मनी के नाम पर पैसा लिया गया था. वहीं फिर एक बार फिर सिक्योरिटी मनी के रूप में अरबों रुपयों का कलेक्शन कर मुंबई के अकाउंट में टाटा स्टील ने जमा किया है. जवाहर लाल शर्मा का कहना था कि, क्या हम लोग बिजली का बिल नहीं देकर कहीं भाग जाएंगे? उन्होंने कहा कि टाटा स्टील की बिजली का रेट डीवीसी से ज्यादा है. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील किसी भी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं कराती है. वहीं होटल-उद्योग से जुड़े और चेंबर के पदाधिकारियों ने भी अपनी-अपनी बातें रखते हुए कहा कि, अगर इसी तरह बिजली बिल बढ़ाया जाएगा तो हमारा होटल व्यवसाय का काम ठप हो जाएगा.
बिजली दर बढ़ने पर अभी नहीं हुआ फैसला
इसके साथ ही उद्योग चलाने में काफी दिक्कत आएगी. जबकि पिछले पांच साल में टाटा स्टील ने बिजली देकर 11 सौ करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. वहीं आयोग के पदाधिकारियों ने कहा कि, जनसुनवाई का मतलब होता है अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हो और मुझे खुशी है कि काफी लोगों ने यहां पर अपनी बातें रखी. बड़ी संख्या में लोग यहां उपस्थित हुए हैं, जो व्यक्ति अपनी शिकायात नहीं दे पाए हैं. वह एक सप्ताह के अंदर लिखित रूप से हमें शिकायत दें, हम विचार करेंगे कि बिजली का दर बढ़ाना है या नहीं.