Dumka Crime News: दुमका (Dumka) में टैंपो चालक की दरिंदगी का शिकार हुई जरमुंडी की 14 वर्षीय नाबालिग को रविवार की रात एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया. सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार (Amarendra Kumar) ने नाबालिग को खून (Blood) की जरूरत होने का पता चलने पर रविवार की रात ब्लड बैंक खुलवा कर चाइल्डलाइन के टीम मेंबर मोहम्मद इब्नूल से एक यूनिट ए पॉजिटिव रक्त भिजवाया. इस वारदात में नाबालिग के दायां पैर टूट गया है. दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन ने उसके पैर का ऑपरेशन कर उसमें रॉड लगाए जाने की चिकित्सकीय सलाह दी है.
निशुल्क इलाज के लिए लिखा पत्र
सोमवार को नाबालिग के पैर का ऑपरेशन किया जाना था लेकिन अस्पताल के एनेस्थेसिया स्पेशलिस्ट के छूट्टी पर चले जाने के कारण ऐसा हो नहीं पाया. जिसके बाद सोमवार को ही ऑर्थोपेडिक सर्जन ने पीड़िता के पैर में कच्चा प्लास्टर कर दिया. सीडब्ल्यूसी के सदस्य के मुताबिक बाल कल्याण समिति के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट ने बालिका के समुचित और निशुल्क इलाज के लिए दुमका सिविल सर्जन को पत्र लिखा है. उन्होंने बताया कि बालिका अपने दादा-दादी के साथ रहती है जो काफी गरीब हैं. इसी को देखते हुए समिति की तरफ से सीएनसीपी घोषित करने के आधार पर पीड़िता के निशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था करने के बारे में सीएस को पत्र लिखा गया है.
जारी है टैंपो चालक की तलाश
जरमुंडी की नाबालिग के साथ रेप का प्रयास करने वाला और इसमें असफल रहने पर उसे मारपीट कर सुनसान जगह पर फेंक देने वाला टैंपो चालक दुमका नगर थाना या फिर मुफस्सिल थाना क्षेत्र का रहने वाला है. पुलिस को शुरूआती जांच में पता चला है कि बासुकीनाथ में श्रावणी मेले के दौरान दुमका के 200 से 300 टैंपो और टोटो बासुकीनाथ में थे, जो इसी दौरान वहां से वापस लौट रहे थे. पुलिस को अब तक की जांच से पता चला है कि इनमें से ही कोई टैंपो चालक बालिका को दुमका की ओर ले गया था. पुलिस अब इस टैंपो चालक की तलाश कर रही है. इसके लिए बालिका से छीने गए मोबाइल की कॉल रिकार्ड और लोकेशन का भी पता किया जा रहा है. जरमुंडी थानेदार इंस्पेक्टर दयानंद साह ने बताया कि बालिका के बयान के आधार पर अज्ञात टैंपो चालक के खिलाफ धारा 233, 341, 324, 354 व पोक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आरोपी की तलाश की जा रही है.
हो सकती थी आरोपी की पहचान
दुमका स्थित बासुकीनाथ में श्रावाणी मेले के दौरान सुरक्षा के लिहाज से करीब 500 से अधिक सीसीटीवी लगे थी लेकिन एक महीने के बाद मेला खत्म होते ही सारे सीसीटीवी खोल लिए गए. अगर सीसीटीवी लगा रहता तो आरोपी के साथ उसकी टैंपों के के बारे में जानकारी मिल जाती और पुलिस आसानी से आरोपी को पकड़ लेती. यहां झारखंड, बिहार और बंगाल सहित देश और विदेश से लोग पहुंचते हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि, इतने बड़े तीर्थस्थल में सुरक्षा की अनदेखी की गई है.
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