Jharkhand Top News: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तमाम बातें अब ट्वीटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म तक सिमट कर रह गए हैं. बीजेपी राज्य में प्रमुख विपक्षी पार्टी है. जाहिर है राज्य सरकार के गलत फैसलों या नीतियों के विरोध का सारा दारोमदार उसी पर है. राज्य की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के इतने सारे मामले उजागर हुए, जिनकी मुखालफत बीजेपी सतह पर करती तो उसका खोया रुतबा फिर हासिल हो सकता था, लेकिन इसकी जरूरत राज्य के बीजेपी नेताओं को कभी महसूस नहीं होती है. Read More


2024 के लिए कांग्रेस की तैयारी तेज


झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला में कांग्रेस ने जिला स्तरीय संगठनात्मक समीक्षा बैठक का आयोजन किया. यह बैठक जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यालय तिलक पुस्तकालय बिष्टूपुर में आयोजित की गई थी. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विशिष्ट अतिथि में कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा सांसद, जिला प्रभारी बलजीत सिंह बेदी, प्रदेश कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलको शामिल हुए. Read More


टाटा कैंसर सेंटर का उद्घाटन आज


झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित टाटा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का उद्घाटन आज यानी शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन करेंगे. हॉस्पिटल में ओपीडी के साथ फिलहाल 82 बेड की व्यवस्था है. इसका शिलान्यास रतन टाटा व तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 नवंबर 2018 को किया था. अक्टूबर 2022 से ओपीडी और इंडोर इलाज आरंभ हो गया था. यहां कैंसर के सभी टेस्ट और इलाज समेत रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी समेत अन्य सुविधाएं रहेंगी. Read More


मां के इलाज के बेटा पहुंचा किडनी बेंचने


मां और बेटे का रिश्ता सबसे मजबूत रिश्ता माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जब औलाद पर मुसीबत आती है तो मां किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो जाती है. लेकिन बिहार के गया में ठीक इसके उल्टा हुआ जहां एक नाबालिग बच्चा मां के बीमार पड़ने पर अपने शरीर का एक अहम बेचने निकल पड़ा. पिता की मौत के बाद घर में कमाने वाला कोई नहीं था. ऐसे में नाबालिग के पास कोई विकल्प नहीं बचा और वह किडनी बेचने रांची के अस्पताल जा पहुंचा. दरअसल, बिहार के गया जिले के रहने वाले दीपांशु के पिता की मौत बहुत पहले हो गई थी. इसके बाद उसकी मां ने उसे किसी तरह मेहनत मजदूरी करके पाला है. अपनी मां की तकलीफों को देखते हुए दीपांशु ने रांची के होटल में काम करना शुरू कर दिया. Read More


इस गांव में बकरी पालने पर रोक


हमारा देश कृषि प्रधान है, जहां आज भी 70 प्रतिशत आबादी खेती या पशुपालन पर आश्रित है, लेकिन झारखंड के गोड्डा (Godda)  जिले में एक ऐसा गांव है जहां लोग एक खास जानवर को नहीं पालते हैं. इसके पीछे एक रोचक वजह भी है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड अंतर्गत रामकोल गांव की. यहां कोई भी बकरी पालन नहीं कर सकता है. 20-25 साल पहले गांव में पंचायत के माध्यम से इस पर रोक लगाई गई थी. तब से आज तक लोग इस फैसले का पालन कर रहे हैं. Read More



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