Jharkhand Tourism: नेतरहाट (Netarhat) में एक अंग्रेज लड़की और आदिवासी चरवाहे की मोहब्बत के स्मारक पर खड़े होकर सूर्योदय-सूर्यास्त (Sunrise Sunset) को निहारना ऐसा रोमांचकारी अनुभव है, जिसे महसूस करने के लिए यहां पहुंचने वाले सैलानियों (Tourists) की तादाद साल दर साल बढ़ रही है.
हरियाली से लबरेज खूबसूरत पहाड़ियों, कलकल बहते झरनों, चीड़ और साल के लंबे पेड़ों से घिरी इस जगह का सम्मोहन, अंग्रेज अफसरों पर इस कदर हावी था कि वे इसे 'नेचर हार्ट' के नाम से पुकारते थे. वक्त के साथ यह 'नेचर हार्ट' नेतरहाट के रूप में जाना जाने लगा. इस बार भी यहां रोमांचकारी सूर्योदय के साथ नए साल की शुरूआत करने बड़ी तादाद में देश-विदेश से लोग पहुंचे हैं. यहां के तमाम होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह फुल हैं.
अभी भी मौजूद है आदिवासी लड़के और अंग्रेज लड़की की मूर्ति
नेतरहाट की बेपनाह खूबसूरती अगर सैलानियों को बार-बार आमंत्रण देती है, तो यहां की वादियों में सालों से गूंज रही मोहब्बत की एक अनूठी कहानी उनमें कुछ कम रोमांच नहीं भरती. यहां एक जगह है मैग्नोलिया प्वाइंट. समुद्र तल से 3761 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस जगह पर एक आदिवासी लड़के और एक अंग्रेज लड़की की मूर्ति है, जिन्हें देखकर वर्षों से सुनायी जा रही इन दोनों की प्रेम कहानी बार-बार जीवंत हो उठती है.
अंग्रेज गवर्नर की लड़की आदिवासी लड़के बांसुरी वादन पर थी मुग्ध
कहते हैं कि ब्रिटिश हुकूमत के दौर में एक अंग्रेज गवर्नर और उसका परिवार नेतरहाट के प्राकृतिक सौंदर्य के आकर्षण से बार-बार यहां आता था. इस परिवार ने यहां अपना एक आवास भी बना लिया था. अंग्रेज गवर्नर की बेटी थी मैग्नोलिया. वह यहां एक आदिवासी चरवाहे के बांसुरी वादन पर मुग्ध होकर उसे अपना दिल दे बैठी थी.
दोनों की मोहब्बत परवान चढ़ी और इसकी खबर अंग्रेज गवर्नर को लगी तो उसने अपनी बेटी को उससे दूर रहने की नसीहत दी. इसके बावजूद वह नहीं मानी तो अंग्रेज अफसर ने आदिवासी चरवाहे की हत्या करवाकर उसकी लाश घाटी में फिंकवा दी.
प्रेमी की हत्या से आहत अंग्रेज लड़की ने कर ली आत्महत्या
बताया जाता है कि इस घटना से आहत मैग्नोलिया घोड़े पर सवार उस जगह पर पहुंची, जहां विशाल चट्टान पर बैठकर उसका प्रेमी रोज बांसुरी बजाया करता था और फिर इसी जगह से उसने खाई में कूदकर जान दे दी. इसी जगह को मैग्नोलिया प्वाइंट के नाम से जाना जाता है और अब यहां सूर्यास्त और सूर्योदय देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
मैग्नोलिया की मोहब्बत का नहीं है कोई लिखित प्रमाण
रांची से लगभग 150 किमी दूर लातेहार जिले में स्थित नेतरहाट का मौसम सालों भर खुशनुमा रहता है. इसे लोग छोटानागपुर की रानी के नाम से जानते हैं. सीनियर पत्रकार शहरोज कमर कहते हैं कि नेतरहाट में मैग्नोलिया की मोहब्बत की कहानी का सच क्या है, इसका कहीं लिखित प्रमाण नहीं मिलता लेकिन इतना जरूर है कि नदियों, झरनों और पहाड़ों से घिरा पूरा इलाका इतना खूबसूरत है कि सैलानियों को इस जगह से मोहब्बत जरूर हो जाती है.
नेतरहाट के झरने इसकी खूबसूरती में लगाते हैं चार चांद
2,489 वर्ग मीटर में फैला नेतरहाट लातेहार जिले के अंतर्गत आता है. रांची से लगभग 150 किलोमीटर दूर इस जगह पर पहुंचने के लिए बेहतरीन सड़क मार्ग है. यहां पहुंचने का रास्ता बेहद खूबसूरत है. सूर्योदय देखने के लिए कोयल व्यू प्वाइंट नामक जगह भी सैलानियों को बहुत पसंद आती है. यहां आस-पास स्थित पहाड़ी झरने भी लोगों को खूब लुभाते हैं.
इन झरनों को लोअर और अपर घघरी जलप्रपात के नाम से जाना जाता है. नेतरहाट से 61 किमी की दूरी पर स्थित है लोध जलप्रपात है. यह झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. ऊंचाई से गिरते पानी से ऐसा दृश्य बनता है मानों बादल से सीधे धरती पर बारिश हो रही हो. लोध जलप्रपात को बूढ़ा घाघ जलप्रपात के नाम से भी जाना जाता है.