Jharkhan tourism News: झारखंड के सरायकेला जिले के पर्यटक स्थलों पर बीते दिनों से लगातार हाथियों के आने की खबरें आम हो रही थी. इस बीच सर्दी की सुगबुगाहट आते ही अन्य प्रदेशों के सैलानी पिकनिक मनाने के लिए यहां आना शुरू कर चुके हैं. इसे देखते हुए सरायकेला प्रशासन ने पुरुलिया पश्चिम बंगाल से हाथी भगाने वालों की एक टीम से संपर्क किया है, ताकि पर्यटक आराम से यहा अपना पिकनिक मना सकें.
सरायकेला में एक ओर हरी-भरी वादियां और ठीक सामने सैकड़ों एकड़ में फैली झील का मनमोहक दृश्य झारखंड के पर्यटन में अपनी सबसे बड़ी दावेदारी प्रस्तुत करता है. यह क्षेत्र सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल स्थित स्वर्णरेखा डैम का है.
पर्यटन के लिए स्वर्णरेखा परियोजना विभाग के द्वारा इस डैम में पानी को संग्रहित कर एक सुंदर झील का रूप दिया गया है, जो कई हजार स्क्वायर फीट में फैला है. चारों ओर हरी-भरी वादियों से घिरा यह स्थल अपनी खूबसूरती खुद बयां करता है. झारखंड में राजस्व को एक अच्छी रूपरेखा देने में सरायकेला प्रशासन भी पूरी तरह से तत्पर दिख रहा है.
यहां सरायकेला जिले के चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा ने बताया कि इस क्षेत्र में ना सिर्फ झारखंड से बल्कि बंगाल और उड़ीसा से भी कई सैलानी पिकनिक मनाने आते हैं. इसे देखते हुए स्थानीय गोताखोरों की एक टीम बना ली गई है. साथ ही बोटिंग और अन्य चीजों का अवलोकन निर्धारित पदाधिकारियों द्वारा करवाया जा रहा है. पूरे पिकनिक के दौरान क्षेत्र में करीब पांच से ज्यादा मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इसके बावजूद किसी भी पर्यटक को किसी प्रकार की कोई दिक्कत हो तो वह सीधे चांडिल एसडीओ या चांडिल डीएसपी के अलावा स्थानीय थाना से भी संपर्क कर सकते हैं. यहां 24 घंटे उन्हें प्रशासन सहयोग करेगी. वहीं चांडिल के एसडीपीओ संजय कुमार सिंह ने बताया कि यह क्षेत्र सीधे तौर पर रांची लोकसभा के अंदर आता है.
साथ ही यहां अन्य राज्यों का जनसन पॉइंट होने के चलते सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस काफी ज्यादा अलर्ट मोड पर है. जब तक पिकनिक का मौसम चलेगा तब तक कई स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्राएं भी अभिभावकों के साथ यहां पहुंचते हैं. इसे लेकर कई तरह की घटनाओं का सामना पुलिस को करना पड़ता है, जिसे देखते हुए इस बार अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था करवाई गई है.
विधायक ने चांडिल डैम को दी चार नाव की सौगात
वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधि इचागढ़ की विधायक सविता महतो ने भी अपनी जिम्मेदारी को पूरा करते हुए चांडिल डैम को चार नए बोट दिए और खुद पहली बोटिंग का आनंद लिया, ताकि सुरक्षा की पुख्ता जांच कर ली जाए. जहां तक सैलानियों की बात करें तो अभी से ही बंगाल चक्रधरपुर और जमशेदपुर से सैलानियों की भीड़ पहुंच रही है.
छोटे बच्चों से लेकर नौजवानों में भी गजब का उत्साह देखा जा रहा है. कई स्कूल प्रबंधन, कॉलेज प्रबंधन भी अपने छात्र छात्राओं को चांडिल डैम घुमाने ला रहे हैं. जानकारी देते हुए कई सैलानियों ने बताया कि यहां आना अपने आप में एक अद्भुत अहसास कराता है.
सैलानियों ने बताया
यहां झील के एक ओर पूरी हरी-भरी वादियां और सामने झील होने से किसी बड़े हिल स्टेशन का लुक देखने को मिलता है. वहीं पश्चिम बंगाल से आई एक सैलानी ने बताया कि यहां आकर एक बहुत ही बढ़िया अनुभव हुआ है, जो इन्हें अगले बार आने के लिए भी आकर्षित कर रहा है. वहीं कई सैलानी ऐसे थे जो दूसरी बार यहां पर आए थे और बोटिंग का भी आनंद ले रहे हैं.
सुरक्षा के मामलों में भी चारों ओर पुख्ता इंतजाम देखने को मिल रहा है. कोरोना के बाद इस तरह के इंतजाम स्थानीय दुकानदारों और नाव चलाने वाली समितियों को राहत की सांस दे रहे हैं.