Jharkhand Rail Accident News: झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में मंगलवार को हुए ट्रेन हादसे के दूसरे दिन भी हावड़ा-मुंबई रेलवे लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. राजखरसावां और बड़ाबंबू रेलवे स्टेशन के बीच क्षतिग्रस्त रेल लाइन की मरम्मत और दुर्घटनाग्रस्त बोगियों को हटाने का काम लगातार जारी है. बुधवार को इस रूट पर चक्रधरपुर रेल मंडल से चलने वाली दस ट्रेनों समेत कुल 44 ट्रेनों को रद्द किया गया है.


चक्रधरपुर रेलवे मंडल से चलने वाली जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है, उनमें हटिया- सांकी- हटिया पैसेंजर, हटिया-बर्द्धमान- हटिया मेमू, हटिया- खड़गपुर- हटिया मेमू, बोकारो स्टील सिटी- रांची- बोकारो स्टील सिटी पैसेंजर, आद्रा- बरकाकाना- आद्रा पैसेंजर यात्रा, हटिया- झारसुगुड़ा- हटिया एक्सप्रेस, टाटानगर- हटिया- टाटानगर पैसेंजर, टाटानगर- हटिया- टाटानगर एक्सप्रेस और टाटानगर- बरकाकाना- टाटानगर पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं.


इनके अलावा कई ट्रेनों का परिचालन परिवर्तित रूट से किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत और दुर्घटनाग्रस्त बोगियों को हटाने का काम बुधवार शाम तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए रांची और राउरकेला से हेवी लिफ्टिंग मशीनें मंगाई गई हैं. हादसे की वजह से इस रूट की थर्ड लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है. उसे सबसे पहले शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है.


दो यात्रियों की हुई थी मौत


बता दें कि मंगलवार तड़के चार बजे राजखरसावां- बड़ाबंबू स्टेशन के बीच हावड़ा से चलकर मुंबई जाने वाली 12810 मुंबई मेल ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. ट्रेन की 18 बोगियां पटरी से उतर गई थीं. इस हादसे में दो यात्रियों की मौत हुई थी, जबकि 40 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे.


ऐसे में हादसे को 30 घंटे बीत चुके हैं. लेकिन, इसके बाद भी अब तक हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग में ट्रेनों का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है. घटनास्थल पर बचाव बचाव राहत का काम अब भी जारी है. रेल पटरी को दुरुस्त किया जा रहा है. ताकि जल्द से जल्द ट्रेनों का परिचालन फिर शुरू हो सके. घटना स्थल पर 140 टन की चार क्रेन और कई जेसीबी मशीन की मदद से रेस्टोरेशन का काम जारी है. हजारों रेलकर्मी, ठेका मजदूर दिन रात मेहनत कर दोबारा ट्रेन परिचालन शुरू करने का काम कर रहे हैं.


वहीं चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में भर्ती रेल हादसे के घायलों का इलाज दूसरे दिन भी जारी है. चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल में फिलहाल 23 यात्रियों का इलाज जारी है. 25 से ज्यादा यात्रियों को मरहम पट्टी कर छोड़ दिया गया है. 8 घायलों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया है.


जीएम ने कही थी ये बात


इधर घटनास्थल पर रेलकर्मी और ठेका मजदूर रात भर रेल अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर रेल पटरी को दुरुस्त करने में जुटे रहे. रात भर युद्ध स्तर पर घटनास्थल पर काम चला. उसके बाद भी अब तक रीस्टोरेशन का काम पूरा नहीं हो सका है. मंगलवार को जीएम अनिल मिश्रा ने साफ कर दिया था कि पटरी पर दोबारा ट्रेन चलाने में 18 घंटे का वक्त लग सकता है और अब 30 घंटे बीत चुके हैं. जाहिर है हादसा काफी बड़ा था, जिसे ठीक करने में वक्त लग रहा है.


हादसे के बाद से हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग जाम है. घटनास्थल पर तीनों रेल पटरी क्षतिग्रस्त हैं. तीनों रेल पटरी को ठीक करने के साथ-साथ पटरी पर पड़े ट्रेन के क्षतिग्रस्त डिब्बों को क्रेन की मदद से एक-एक कर हटाया जा रहा है. रीस्टोरेशन का काम जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है. कई बाधाओं का भी सामना रेलकर्मी और ठेका मजदूरों को करना पड़ रहा है. यही वजह है कि रीस्टोरेशन का कार्य लंबा खींचता जा रहा है. उम्मीद है की शाम ढलने से पहले एक से दो रेल पटरी को ठीककर उसपर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाए.


हादसे को लेकर उठे सवाल


इस बीच हादसे को लेकर उभरे सवाल अभी भी लोगों के मन में कौंध रहे हैं कि एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होकर बड़ाबम्बू स्टेशन में पड़ी हुई थी और इसकी जानकारी मेल एक्सप्रेस के चालक को नहीं हुई. इसकी वजह से एक बड़ा रेल हादसा हो गया. इस घटना को लेकर जीएम ने जांच के आदेश दिए हैं और सभी को जांच के बाद आने वाले रिपोर्ट का इंतजार है. ताकि यह पता चल सके कि किसकी लापरवाही और चूक से इतना बड़ा हादसा हुआ और दो यात्रियों जान गंवानी पड़ी. रेलवे और रेल यात्रियों को हुए इतने बड़े नुकसान की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा, यह देखने वाली बात होगी.


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