Jharkhand: तेंदुए के हमले में 2 वनकर्मी घायल, एक फॉरेस्ट ट्रैकर बचकर भागते समय हुआ घायल
Palamu News: पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) में एक तेंदुए ने वनकर्मियों पर हमला कर दिया. तेंदुए के हमले में 2 वनकर्मी घायल हुए हैं. घायल वनकर्मियों का एक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है.
Jharkhand Leopard Attack On Forest Workers: झारखंड (Jharkhand) के पलामू बाघ अभयारण्य (Palamu Tiger Reserve) में तेंदुए (Leopard) के हमले में 2 वनकर्मी घायल हो गए जबकि एक अन्य वनकर्मी उससे बच कर भागते समय चोटिल हो गया. अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि, ये घटना तेंदुए के रविवार को पलामू टाइगर रिजर्व के बारेसांड में 'सांबर सॉफ्ट रिलीज सेंटर' में घुसने के बाद हुई. अधिकारियों ने बताया कि तेंदुए ने एक हिरण पर भी हमला कर दिया और उसे मारकर अपना निवाला बना लिया. उन्होंने बताया कि इस हिरण को हाल में बचाए जाने के बाद 'सांबर सॉफ्ट रिलीज सेंटर' में रखा गया था. उन्होंने बताया कि तेंदुए को सोमवार सुबह तक केंद्र से बाहर नहीं निकाला जा सका और उसे बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं.
अधिकारी ने बताई ये बात
पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक (दक्षिण मंडल) मुकेश कुमार ने बताया कि 'फॉरेस्ट ट्रैकरट के रूप में कार्यरत 2 कर्मियों सूर्यनाथ यादव और अखिलेश यादव तेंदुए के हमले में घायल हो गए और एक अन्य व्यक्ति तेंदुए से बचकर भागते समय घायल हो गया.'फॉरेस्ट ट्रैकर' को गश्त करने और बाघों की गतिविधियों की निगरानी के लिए दिहाड़ी मजदूरी पर रखा जाता है.
अस्पताल में चल रहा है वनकर्मियों का इलाज
घायल वनकर्मियों का एक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है. अस्पताल के चिकित्सक डॉ जयप्रकाश साहू ने कहा कि तेंदुए ने अखिलेश यादव के हाथ और जांघ में काट लिया था वहीं सूर्यनाथ यादव के हाथ पर तेंदुए ने काट लिया. उन्हें 10 टांके लगाने पड़े और उन्हें रेबीज रोधी टीके भी लगाए गए हैं.
ये भी जानें
इस बीच यहां ये भी बता दें कि, पर्यावरण और वन मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, 2018-19 और 2020-21 के बीच, शिकारियों ने कुल 29 बाघों को मार डाला, जबकि 197 बाघों की मौत की जांच की जा रही है. बड़ी संख्या में हाथियों की मौत भी विभिन्न कारणों से हुई है जिनमें बिजली का करंट लगना और अन्य शामिल हैं. आंकड़ों में कहा गया है कि देश भर में बिजली के झटके से कुल 222 हाथियों की मौत हो गई, ट्रेन की टक्कर में 45, शिकारियों द्वारा 29 और इसी अवधि के दौरान जहर से 11 की मौत हो गई. दूसरी ओर, बड़ी संख्या में मनुष्य भी संघर्ष का शिकार हुए, जिससे उनकी मृत्यु हुई. हाथियों ने 3 वर्षो में 1,579 मनुष्यों को मार डाला, जिनमें 2019-20 में 585, 2020-21 में 461 और 2021-22 में 533 लोगों की मौत शामिल है. जहां तक राज्यों का सवाल है, ओडिशा में सबसे ज्यादा 322 मौतें दर्ज की गईं, इसके बाद झारखंड में 291, पश्चिम बंगाल में 240, असम में 229, छत्तीसगढ़ में 183 और तमिलनाडु में 152 मौतें हुई हैं.
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