Jharkhand News: आधुनिक भारत में भी कुछ ऐसी परंपराएं है जो अविश्वसनीय लगती है. कुछ ऐसा ही नजारा झारखंड के सरायकेला जिले में बीते 8 वर्षों से लोग खुली आंखों से देख रहे हैं. ये नजारा सरायकेला जिले के नीमडीह के उगडीह में दुर्गा पूजा के दौरान दिखाई देता है. यहां के लोगों का मानना है कि पिछले आठ सालों से एक महिला पर मां चामुंडा सवार होती है उस दौरान वो काफी उग्र दिखाई देती है और मिट्टी के खप्पर में रखे खून को पीने के बाद शांत हो जाती है.
मिट्टी की खप्पर में रक्त का पान करती है उर्मिला
बता दें कि सनातन संस्कृति में महाअष्टमी- महानवमी का विशेष धार्मिक महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन नीमडीह के उगडीह के मंदिर परिसर में बकरे की बली दी जाती है. लोगों का मानना है यहां एक उर्मिला सिंह नाम की एक महिला भक्त के ऊपर मां चामुंडा का स्वरूप सवार होता यह क्रिया पुजारी द्वारा बकरे की बलि देने के दरमियान शुरू होती है. मंत्र उच्चारण के दौरान उर्मिला सिंह मंदिर परिसर में भक्ति में विलीन होकर दौड़ते हुए मिट्टी की खप्पर में रखे गए कच्चे रक्त का पान करती है ओर घंटों तक नृत्य करती है जिससे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का भीड़ जमा हो जाता है.
हजारों की संख्या में भक्त होते है इकट्ठा
नृत्य करने के दौरान जब महिला उर्मिला उग्र होती है तब पुजारी द्वारा उसे पुष्पांजलि देकर शांत करवाया जाता है. इस रूप के दर्शन होते ही लोगों में माता रानी के प्रति गजब की भक्ति जागती है और हजारों की संख्या में एक साथ माता के जयकारे लगाए जाते हैं. जानकारी के अनुसार, महिला स्टेशन बस्ती उगडीह गांव के कार्तिक सिंह की धर्म पत्नी हे. जिसे 8 वर्ष पूर्व मां दुर्गा ने सपने में दर्शन दिए और उन्हें पूजा करने का आदेश मिला. तभी से उर्मिला बेसुध होकर कच्चे रक्त का पान करती है. मान्यता है कि इस मंदिर में सभी भक्तों की मन्नत पूरी होती है.
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