Jharkhand Water Level: झारखंड हाई कोर्ट ने सोमवार को राज्य की राजधानी रांची और अन्य हिस्सों में घटते जल स्तर को लेकर चिंता व्यक्त की. रांची की अदालत ने जल निकायों के अतिक्रमण और पानी के स्रोतों में कमी पर खुद संज्ञान लिया था. इस दौरान एक जनहित याचिका पर सुनवाई की गई.
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद की ओर से राज्य भर में एक अध्ययन किया गया है. पिछले दो वर्षों में रांची और झारखंड के अन्य हिस्सों में गिरावट आ रही है. न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति दीपक रोशन की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यहां रहने वाले लोगों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधनों के संरक्षण की दिशा में गंभीर कदम उठाए जाने चाहिए.
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया कि रांची में अत्यधिक आबादी, पिछले 50 सालों में तालाबों का अस्तित्व खत्म होने, कम बारिश की वजह से घटते जल स्तर की वजह से भी पानी की कमी हुई है.
कम बारिश की वजह से भी जल स्तर में आई गिरावट
हाई कोर्ट ने सरकार के साथ-साथ विशेषज्ञों से राज्य में जल स्तर को बढ़ाने के तरीकों और साधनों पर विचार करने का आग्रह किया. अदालत को यह भी बताया गया कि पिछले पांच दशकों में झीलों और तालाबों का अस्तित्व से समझौता किया गया. कम बारिश की वजह से भी जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई.
रांची नगर निगम ने कहा कि राज्य की राजधानी में जल संचयन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. नगर निकाय ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से जांच की जाती है कि जल संचयन के नियमों का निवासियों की ओर से अनुपालन किया जाता या नहीं. वहीं अब रांची की अदालत में मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.
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