Jharkhand Elephant Attack in Latehar: झारखंड (Jharkhand) के लातेहार (Latehar) में जंगली हाथी (Elephant) लोगों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन गया है. चंदवा थाना क्षेत्र की चकला पंचायत में ये जंगली हाथी जमकर उत्पात मचा रहा है. पंचायत के महुआटांड़ और तिलैयादामर गांव में हाथी ने कई लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया है. घरों को ध्वस्त करने के साथ घर में रखा अनाज भी चट कर गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. हाथी के आतंक से सहमे लोगों ने वन विभाग (Forest Department) से मदद की गुहार लगाई है. खास बात ये है कि, 3 महीने पहले भी इसी हाथी ने इलाके में कई घरों को ध्वस्त कर दिया था. ग्रामीणों का कहना है कि, वन विभाग को सूचना दी गई है. रेंजर राकेश कुमार ने बताया कि हाथी के वापस लौट आने की सूचना मिली है, टीम को भेजा गया है. हाथी को क्षेत्र से भगाने का प्रयास किया जा रहा है.


हाथियों और इंसानों के बीच जारी है संघर्ष
इस बीच बता दें कि, झारखंड में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष थम नहीं रहा. बीते 7 महीनों में हाथियों के हमले में राज्य में 52 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान अलग-अलग वजहों से 8 हाथियों की भी जान गई है. बीते 31 जुलाई को लातेहार जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र के रेची जंगल में एक हाथी की लाश मिली थी. कुछ लोग मृत हाथी का दांत काटकर ले गए थे. वन विभाग ने इसकी एफआईआर दर्ज की है. इससे पहले 17 जुलाई को खूंटी जिले के रनिया प्रखंड अंतर्गत बोंगतेल जंगल में एक हाथी मृत पाया गया था. आशंका है कि जहरीला पदार्थ खाने से उसकी मौत हुई. जुलाई महीने में ही रांची के इटकी के केवदबेड़ा जंगल में एक हाथी मरा पाया गया था. वन विभाग तीनों घटनाओं की जांच कर रहा है. मौत के कारणों के बारे में अब तक कोई स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आई है. 


हाथियों का आतंक 
हाथी राज्य के 15 से ज्यादा जिलों में जमकर आतंक मचा रहे हैं. पिछले 2 से 3 वर्षों में हजारीबाग जिले में हाथियों ने सबसे ज्यादा उत्पात मचाया है. यहां इस साल अब तक हाथी 14 लोगों की जान ले चुके हैं. इसी तरह गिरिडीह में 9, लातेहार में 8, खूंटी में 5, चतरा, बोकारो और जामताड़ा में तीन-तीन लोग हाथियों के हमले में मारे गए हैं. हाल की घटनाओं की बात करें तो बीते 28 जुलाई को हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड केमोरांगी नोवकी टांड़ निवासी जितेंद्र राम को हाथियों के झुंड ने कुचलकर मार डाला था. इसके एक दिन पहले 27 जुलाई को खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के कमडा पोढोटोली गांव में हरसिंह गुड़िया नाम की एक दिव्यांग को झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला. इसी तरह 30 जून को चाईबासा जिले के किरीबुरु थाना अंतर्गत बोगदाकोचा ढलान के जंगल में तोपाडीह गांव निवासी बिमल जक्रियस बारला हाथियों के झुंड का निशाना बने थे.


मंत्री ने दिया जवाब 
झारखंड विधानसभा के बीते बजट सत्र में वन विभाग के प्रभारी मंत्री चंपई सोरेन ने हाथियों के उत्पात से जुड़े एक सवाल के जवाब में बताया था कि वर्ष 2021-22 में हाथियों द्वारा राज्य में जानमाल को नुकसान पहुंचाए जाने से जुड़े मामलों में वन विभाग ने एक करोड़ 19 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया है. उन्होंने अपने जवाब में कहा था कि हाथियों और इंसानों के बीच द्वंद्व बढ़ने के कई कारण हैं. जनसंख्या बढ़ने के कारण वन्यजीव का प्रवास क्षेत्र प्रभावित हुआ है. गांवों में मादक पेय पदार्थ बनाए जाते हैं, जिसकी महक हाथियों को आकर्षित करती है. इस कारण भी हाथियों की आदतों और भ्रमण के मार्ग में बदलाव आया है.


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