Jharkhand Government Schemes Reality: एक तरफ जहां झारखंड (Jharkhand) की हेमंत सरकार अपने 2 वर्ष के कार्यकाल को पूरा करने पर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं दूसरी ओर झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक जिले सरायकेला (Saraikela) में 75 वर्षीय कूड़ा चुनने वाली महिला को सरकार की तरफ से आवंटित अनाज तो दूर, मुख्यमंत्री के दादा और दादी के नाम से शुरू की गई 'सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना' का लाभ ही नहीं मिल पा रहा है.


ये है हकीकत 
झारखंड सरकार (Jharkhand Government) अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का दावा कर रही है लेकिन इस तरह के मामले सरकार की हकीकत बयां करने के लिए काफी हैं. आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 17 में रहने वाली शांति हेला कूड़ा चुनने का काम करती हैं. शांति की सच्चाई जब वार्ड पार्षद नीतू शर्मा को मिली तो उन्होंने तुरंत कदम उठाए.  


नहीं मिल रहा है हक का राशन 
गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी, सह प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी मारुति मिंज को एक आवेदन सौंपते हुए जन वितरण प्रणाली की दुकान सुरभि सहायता समूह पर आरोप लगाते नीतू शर्मा ने बताया है कि बीते 4 महीने से सबसे दयनीय स्थिति में अपना जीवनयापन करने वाली शांति हेला के हक का राशन उन्हें नहीं दिया गया है. पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. 


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