Dumka Demand To Open Stone Quarry And Crusher: दुमका (Dumka) जिले के शिकारीपाड़ा पत्थर औद्योगिक इलाके में खदान क्रशर खोलाने की मांग को लेकर मजदूर यूनियन के बैनर तले दुमका रामपुरहाट एनएच 114 ए को जाम कर मजदूरों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान महिला मजदूरों ने भी अपने पारंपरिक अस्त्र लेकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला. मजदूरों ने आरोप लगाया कि प्रशासन क्षेत्र में कोयला खदान (Coal Mine) खोलना चाहता है ताकि लोग विस्थापन का शिकार हो जाएं. इसी वजह से यहां पर चल रहे वैध खदान और क्रशर को जबरन बंद कर यहां के लोगों की जीविका पर ग्रहण लगा दिया है. इस बीच प्रशासन की तरफ से जाम को लेकर शिकारीपाड़ा थाने में 10 नामजद के साथ 200 से 250 महिला और पुरुषों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है.
मजदूरों ने दी चेतावनी
मजदूरों ने चेतावनी दी है कि वो किसी भी कीमत पर बिना ग्राम सभा किए या ग्रामीणों से बिना सहमति के कोयला खदान नहीं खोलने देंगे. मजदूरों ने बंद हो रहे पत्थर खदान और क्रशर उद्योग को फिर रफ्तार देकर चालू कराने की मांग की है. वहीं, जिला परिषद सदस्य अविनाश सोरेन ने कहा कि इलाके में स्थिति विकट है, इसे देखते हुए पत्थर खदान, क्रशर जल्द खुलना चाहिए ताकि लोगों को रोजगार मिल सके.
वैध क्रशर और खदान पर रोक नहीं
बता दें कि, इस पत्थर औद्योगिक इलाके में चल रहे अवैध क्रशर और पत्थर खदान पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन की टास्क फोर्स टीम ने बुलडोजरिंग की कार्रवाई की थी. इधर, मजिस्ट्रेट के रूप मे अंचला अधिकारी राजू कमल ने आंदोलनकारियों से वार्ता कर 26 अगस्त को अंचल शिकारीपाड़ा बैठक बुलाई है. उन्होंने कहा कि जो इलाके में वैध क्रशर और खदान हैं, उसे चलाने की रोक नहीं है.
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