Coronavirus Death in Jharkhand: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया है. भारत में भी इस महामारी व्यापक असर देखने को मिला है. अब कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. सरकार भी सचेत है लेकिन नए मामले सामने आने के बाद इस बात की आशंका भी जताई जा रही है कि, कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही देखने को मिल सकती है. बात अगर झारखंड (Jharkhand) की करें तो यहां कोरोना गरीबों पर कहर बनकर टूटा है.  


अध्ययन में सामने आई ये बात 
झारखंड में कोरोना का असर कितना रहा इस बारे में जानकारी एक अध्ययन के जरिए सामने आई है. झारखंड में कोरोना से हुई मौतों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अध्ययन से पता चला है कि यहां कोरोना से मरने वालों में आधे से अधिक (55) या तो गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करते हैं, या उनके पास आयुष्मान भारत के कार्ड नहीं थे. यही नहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मरने वालों में 66 प्रतिशत अकुशल मजदूर थे. 


11 जिलों में किया गया सर्वेक्षण
गौरतलब है कि, झारखंड में कोरोना से मरने वालों की सामाजिक आर्थिक स्थिति का पता लगाने के लिए आईडीएसपी के साथ डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों ने राज्य के 11 जिलों चतरा, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गुमला, हजारीबाग, कोडरमा, लोहरदगा, साहिबगंज, सरायकेला, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम में एक सर्वेक्षण किया है. 15 सामाजिक आर्थिक मापदंडों पर किए गए अध्ययन की रिपोर्ट नेशनल हेल्थ मिशन झारखंड की तरफ से जारी की गई है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. राज्य में कोरोना की चपेट में आकर मरने वालों में 35.4 फीसदी की मासिक आमदनी 4000 रुपए से कम थी. जबकि, ओवरऑल 62.2 प्रतिशत मरने वालों की मासिक आमदनी 10 हजार से कम थी.


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