Kartavya Path Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बृहस्पतिवार को 'राजपथ' को गुलामी का प्रतीक करार दिया और राष्‍ट्रपति भवन (President House) से इंडिया गेट (India Gate) के बीच के मार्ग 'कर्तव्‍य पथ' का उद्घाटन करते हुए कहा कि ये भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है, इससे नए इतिहास का सृजन भी हुआ है. उन्होंने इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) की 28 फुट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण किया और कहा कि आजादी के बाद उन्हें भुला दिया गया और उनके विचारों, उनसे जुड़े प्रतीकों को नजरअंदाज किया गया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत उनकी राह पर चला होता तो आज ऊंचाइयों पर होता.


बीजेपी नेता ने जताया पीएम मोदी का आभार 
'कर्तव्‍य पथ' के उद्घाटन को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने पीएम मोदी का आभार जताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ''आज गुलामी की मानसिकता का परित्याग करते हुए जॉर्ज पंचम की मूर्ति के निशान को हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगी है. ये नए भारत, स्वाभिमानी भारत का पुनरुदय है. आइये इस कर्तव्य पथ के गौरव को प्रतिष्ठापित करने वाले असंख्य हुतात्माओं का स्मरण करें. आभार नरेंद्र मोदी जी.''






'राजपथ' का नाम हुआ 'कर्तव्य पथ'
बता दें कि, राष्‍ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग 'कर्तव्‍य पथ' का उद्घाटन और नेताजी की प्रतिमा का अनावरण मोदी सरकार की महत्‍वाकांक्षी सेंट्रल विस्‍टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर 'राजपथ' का नाम बदलकर उसे 'कर्तव्य पथ' किया है. अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को 'कर्तव्य पथ' कहा जाएगा. 


'ये अवसर ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है'
नेताजी की प्रतिमा के अनावरण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि पहले वहां गुलामी के समय ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी लेकिन आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की प्रतिमा की स्थापना करके आधुनिक और सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है. उन्होंने कहा कि, 'ये अवसर ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है.'


पीएम ने नेताजी को अर्पित की पुष्पांजलि
बता दें कि, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था. इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था. प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत 'कदम, कदम बढ़ाए जा' की धुन के साथ किया गया. प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने नेताजी को पुष्पांजलि भी अर्पित की. 


जानें किसने तैयार की प्रतिमा 
करीब 26 हजार घंटे की मेहनत और अथक प्रयासों से ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है. काले रंग के ग्रेनाइट पत्‍थर से निर्मित 28 फुट ऊंची ये प्रतिमा इंडिया गेट के पास एक छतरी के नीचे स्‍थापित की गई है. नेताजी की इस प्रतिमा को पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग कर पूरी तरह हाथों से बनाया गया है. अरुण योगीराज के नेतृत्‍व में मूर्तिकारों के एक दल ने ये प्रतिमा तैयार की है.


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