ED Questions CM Hemant Soren: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने रविवार को आरोप लगाया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के लगभग 500 जवानों ने झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के आवास में उस समय बिना अनुमति के घुसने की कोशिश की, जब उनसे प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी पूछताछ कर रहे थे. पार्टी ने इस मामले में जांच कराए जाने की मांग की है.


पार्टी ने एक बयान जारी कर दावा किया कि यह अवैध है और इसका उद्देश्य सोरेन के आवास के पास प्रदर्शन कर रहे उनके समर्थकों को उकसाना था ताकि वे CRPF कर्मियों पर हमला कर दें. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आधिकारिक आवास पर शनिवार को सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.


CM सोरेन के आवास पर लगभग 2,000 सुरक्षाकर्मी थे तैनात
JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद कुमार पांडे द्वारा जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री के आवास के पास लगभग 2,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू की गई थी. बयान में कहा गया, ‘‘इस बीच बसों में सवार लगभग 500 CRPF जवानों ने बिना किसी अनुमति या सूचना के मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने की कोशिश की. यह कृत्य उकसाने वाला और अवैध है.’’


इसमें कहा गया, ‘‘वे चाहते थे कि प्रदर्शनकारी और पार्टी कार्यकर्ता CRPF कर्मियों पर हमला कर दें ताकि राज्य सरकार पर संवैधानिक व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया जा सके और राष्ट्रपति शासन लगाने की जमीन तैयार की जा सके.’’ JMM ने मांग की कि सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दे और CRPF अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे. इसने कहा, ‘‘अन्यथा, पार्टी प्रदर्शन का रास्ता अपनाएगी.’’


BJP ने JMM पर लगाया ये आरोप
इससे पहले, अधिकारियों ने बताया था कि ED की पूछताछ के दौरान मौके पर बड़ी संख्या में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री आवास के आसपास गतिविधियों पर पैनी नजर रखी. राशन वितरण से संबंधित करोड़ों रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में पश्चिम बंगाल में ED अधिकारियों पर हुए हालिया हमले के मद्देनजर यह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. इस बीच, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद हजारों JMM कार्यकर्ता ‘‘ED अधिकारियों को डराने के लिए’’ मुख्यमंत्री के आवास के पास इकट्ठे हुए थे.


BJP प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, ‘‘ED कार्यालय जाने की जगह मुख्यमंत्री जांच अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाते हैं. दूसरी ओर, पार्टी कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री के आवास के पास इकट्ठे होने की अनुमति दी जाती है. अगर CRPF कर्मी नहीं होते, तो ED अधिकारी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते थे.’’ उन्होंने कहा कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय JMM, CRPF के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है.


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