Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन के आवास पहुंची तीन टूरिस्ट बस, विधायकों को शिफ्ट करने की तैयारी?
Jharkhand Politics: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की आशंकाओं के बीच जेएमएम और कांग्रेस के खेमे में हलचल तेज हो गई है. दोनों ही पार्टी के विधायक आगे की तैयारी में जुट गए हैं.
Jharkhand News: झारखंड में कथित जमीन घोटाले को लेकर चल रही जांच और ईडी द्वारा सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से चल रही पूछताछ के बीच अटकलों का बाजार गर्म है. सीएम सोरेन की गिरफ्तारी की आशंका के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के विधायक अपना सामान लेकर सीधे सीएम आवास पहुंच रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, विधायक इस तैयारी के साथ आ रहे हैं कि अगर सीएम सोरेन की गिरफ्तारी होती है तो सभी शक्ति प्रदर्शन करने राजनिवास पहुंच सकते हैं.
सीएम आवास में दाखिल हुई तीन टूरिस्ट बस
सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तारी के बाद विधायक राज्यपाल के सामने अगले मुख्यमंत्री को लेकर एक समर्थन पत्र रख सकते हैं. मुख्यमंत्री आवास में तीन टूरिस्ट बस दाखिल हुए हैं. सूत्र ये भी बताते हैं कि विधायकों को खरीद-फरोद से बचाने की कवायद चल रही है और उनके कहीं पर शिफ्ट किया जा सकता है. बिहार में हुए सियासी बदलाव के बाद झारखंड में सत्तारूढ़ दल किसी तरह की ढील नहीं देना चाहते हैं.
दोपहर एक बजे से सीएम से पूछताछ जारी
बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन से दोपहर 1 बजे से पूछताछ जारी है. सीएम आवास से कुछ ही दूरी पर जेएमएम के विधायक बड़ी संख्या में जुटे हुए हैं. अगर सीएम की गिरफ्तारी हुई तो ये समर्थक सीएम आवास की तरफ बढ़ सकते हैं. ऐसे में सीएम आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. सड़क को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है.
बाबूलाल मरांडी ने सीएम पर साधा निशाना
इस बीच झारखंड बीजेपी चीफ बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर कहा, "कहीं ऐसा तो नहीं है कि बेचारे हेमंत जी के क़ानून के सलाहकारों ने उनसे ढ़ेर सारे सादे काग़ज़ पर दस्तखत करवा कर रख लिया है और उस पर जो मन सो लिखकर हेमंत को और गड्ढे में ढ़केलने का का काम कर रहे हैं। आखिर ये कैसे हो सकता है कि हेमंत जी को पता नहीं हो कि साहेबगंज नाम की कोई भी विधानसभा झारखंड में नहीं है। साहेबगंज विधानसभा तो बिहार में है और हेमंत जी विधायक झारखंड के बरहेट से हैं ... वो कहां से विधायक हैं ये कैसे भूल सकते हैं? लगता है ईडी के डर के मारे इतना भयभीत हो गए हैं कि कुछ पढ़ नहीं पा रहे हैं या फिर याद ही नहीं आ रहा कि वे कहां से विधायक हैं..."