Jharkhand Politics: खुद की सरकार से उठा भरोसा, JMM विधायक की सिक्योरिटी हटी तो रखा 'तीर-धनुष' वाला बॉडीगार्ड
Ranchi News: लोबिन हेम्ब्रम ने मानसून सत्र के दौरान सदन में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो से भावुक होकर कहा था कि पत्थर माफिया से मेरी जान को खतरा है, इसलिए मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए.
Jharkhand News: झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेम्ब्रम (Lobin Hembrom) ने अपने लिए तीर-धनुष वाला सुरक्षा गार्ड रखा है. लोबिन हेम्ब्रम बोरियो विधानसभा सीट से विधायक हैं और पिछले एक साल से हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोल रहे हैं. हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उन्होंने पत्थर माफिया से जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी. तब यह सूचना आई थी कि गृह मंत्रालय ने लोबिन हेम्ब्रम को एक्स श्रेणी की सुरक्षा दी है. इस बीच अब तीर-धनुष वाले सुरक्षा गार्ड के साथ विधानसभा में घूम रहे लोबिन हेम्ब्रम सुर्खियां बटोर रहे हैं.
लोबिन हेम्ब्रम ने मानसून सत्र के दौरान सदन में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो से भावुक होकर कहा था कि पत्थर माफिया से मेरी जान को खतरा है. मेरी सुरक्षा बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा था कि 15 दिन के भीतर उन्हें सुरक्षा गार्ड दिलाया जाए. तब गृहमंत्री से उन्हें एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने का आश्वासन मिला था. अब लोबिन हेम्ब्रम विधानसभा क्षेत्र में तीर-धनुष वाले सुरक्षा गार्ड के साथ नजर आए हैं. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि मैंने राज्य के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार से अतिरिक्त गार्ड की मांग की है. सदन में भी यह मामला उठाया, लेकिन अभी तक मुझे सुरक्षा गार्ड मुहैया नहीं करवाया गया.उन्होंने कहा कि मेरे घर से भी सुरक्षा गार्ड हटा दिया गया है जिससे मैं डरा हुआ हूं.
अपनी ही सरकार पर लगातार हमला बोल रहे लोबिन
गौरतलब है कि बोरियो विधानसभा लोबिन हेम्ब्रम बीते एक साल से अपनी ही सरकार पर हमला बोलते आ रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके खास निशाने पर रहते हैं. सत्तारुढ़ पार्टी का विधायक होने के बावजूद लोबिन हेम्ब्रम जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हैं. साथ ही लोबिन हेम्ब्रम ने सरकार पर आदिवासियों को छलने का भी आरोप लगाया है. कभी, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के करीबियों में शुमार रहे लोबिन हेम्ब्रम उनके बेटे और मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तंज करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. लोबिन हेम्ब्रम 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता पारिभाषित करने, पेसा कानून लागू करने और स्थानीयता आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर सरकार पर हमलावर हैं.
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