क्या मंत्री पद से इस्तीफा देंगे JMM के बागी चंपाई सोरेन? पार्टी नेताओं ने घेरा
Champai Soren Resignation: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने के संकेत दिए हैं. इस बीच जेएमएम के नेताओं ने उनके इस्तीफे को लेकर सवाल उठाया है.
Champai Soren News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की जेएमएम से बगावत के बाद बड़ा सवाल है कि क्या वो मंत्री पद से इस्तीफा देंगे? चंपाई सोरेन ने बुधवार (21 अगस्त) को कहा कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे और नया सियासी दल बनाने का विकल्प उनके लिए हमेशा खुला है. उनके इस बयान से साफ है कि वो अब जेएमएम में नहीं रहेंगे.
सोरेन ने कहा कि वह JMM नेताओं के हाथों अपमान का सामना करने के बाद अपनी योजनाओं पर अडिग हैं. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता सवाल उठा रहे हैं कि अगर वो नई पार्टी बना रहे हैं तो मंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे?
जेएमएम ने क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जेएमएम के एक नेता ने कहा, "अगर चंपाई सोरेन अपनी पार्टी बनाना चाहते हैं, तो वे मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे हैं? वे पद से जुड़ी सभी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं और जेएमएम पर दबाव बना रहे हैं."
एक अन्य नेता ने कहा कि चंपाई सोरेन जेएमएम कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. चंपाई सोरेन कुछ असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि वे उन्हें टिकट देंगे. साथ ही, चंपाई के खेमे के कुछ लोग हेमंत सोरेन के खेमे से संपर्क कर रहे हैं.
क्यों नाराज हुए चंपाई सोरेन?
बता दें कि चंपाई सोरेन दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें जेएमएम ने हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद विधायक दल का नेता चुना था. हेमंत सोरेन ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा दिया था. सीएम सोरेन को 28 जून को हाई कोर्ट से जमानत मिली और जेल से बाहर आए. तीन जुलाई को उन्हें जेएमएम विधायक दल का नेता चुना गया. इसके बाद चंपाई सोरेन ने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया और फिर हेमंत सोरेन सीएम बने. इसी के बाद से चंपाई सोरेन नाराज हैं.
माना जा रहा है कि उनकी बीजेपी नेताओं के साथ बैठकें हुई और बीजेपी में शामिल होने के लिए पिछले दिनों दिल्ली आए, लेकिन बात नहीं बनी. अब एक बार फिर चंपाई सोरेन झारखंड पहुंचे हैं. चंपाई सोरेन को 1990 के दशक में अलग राज्य बनाने की लड़ाई में उनके योगदान के लिए झारखंड टाइगर उपनाम दिया गया था. झारखंड को 2000 में बिहार के दक्षिणी भाग से अलग करके बनाया गया था.
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