Jharkhand: 'BJP पिछले छह महीने से...', चंपाई सोरेन को लेकर JMM का बड़ा दावा
Jharkhand Politics: झामुमो की ओर से कहा गया है कि चंपाई सोरेन के जाने से BJP ख्याली पुलाव पका रही है, जहां तक कोल्हान की बात है, तो झामुमो के सिंबल पर जीत होती है. किसी व्यक्ति विशेष का रोल नहीं होता.
Jharkhand Politics News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन (Champai Soren) इसी महीने की आखिर में बीजेपी ज्वाइन करेंगे. उनके बीजेपी में शामिल होने की खबर से झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है. साथ ही पक्ष-विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया भी लगातार सामने आ रही है. इसी कड़ी में झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी चंपाई सोरेन को लेकर छह महीने पहले से ही साजिश कर रही थी.
झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने आरोप लगाया, "चंपाई सोरेन को लेकर छह महीने पहले से ही बीजेपी साजिश कर रही थी. यह तो असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के प्रभारी हिमंता विस्वा सरमा ने अपने बयान में ही स्पष्ट कर दिया था कि वह पिछले छह महीने से लगातार चंपाई सोरेन के संपर्क में थे. आश्चर्य तो यह है कि जिस पार्टी के साथ चंपाई दा की पार्टी का राजनीतिक संघर्ष था, उसी में जाना जनता से विश्वासघात है. बीजेपी के चरित्र से पूरे देश के लोग वाकिफ हैं."
उन्होंने आगे ने कहा, "चंपाई के जाने से बीजेपी ख्याली पुलाव पका रही है, जहां तक कोल्हान की बात है, तो झामुमो के सिंबल पर जीत होती है. किसी व्यक्ति विशेष का रोल नहीं होता है. इसलिए पार्टी वहां आगे भी बेहतर करेगी. वहीं चंपाई सोरेन द्वारा अपमान की बात कहे जाने पर विनोद पांडेय ने कहा कि "जिस पार्टी ने उन्हें लगातार मंत्री बनाया, मुख्यमंत्री तक का पद देकर सम्मान दिया, वहां अपमान की बात कहां से आती है."
जब पार्टी ने सबकुछ दिया, तो अपमान कैसा- विनोद पांडेय
विनोद पांडेय ने कहा, "ईडी द्वारा जब हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही थी, तब हेमंत सोरेन ने खुद विधायक दल की बैठक में जाकर कहा कि हम चाहते हैं कि चंपाई सोरेन हमारे बाद इस राज्य के मुख्यमंत्री रहें. तब सबने एक स्वर में सहमति दी थी. आप समझ सकते हैं चंपाई सोरेन पर कितना विश्वास था. अपमान की बात कहना कहीं से उचित नहीं है. खास कर तब, जब उन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया है."
JMM विधायक ने क्या कहा?
वहीं झामुमो के विधायक मथुरा महतो ने कहा कि चंपाई सोरेन के साथ काम करने का पहले भी मौका मिलता रहा है. समझ नहीं आता है कि उन्होंने ऐसा फैसला क्यों और कैसे लिया. उन्होंने भारी गलती की है. भविष्य में उन्हें अपने इस फैसले पर पछतावा होगा. मथुरा महतो ने कहा कि झामुमो में चंपाई ही एकमात्र ऐसे विधायक रहे हैं, जिन्हें जब भी सरकार बनी है, तो कभी न कभी मंत्री बनते रहे हैं. यहां तक कि पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री तक बनाया.
हम इस बार मंत्री नहीं बने, सब तो बन भी नहीं सकते, लेकिन मुझे इस बात का कोई मलाल नहीं है. हम लोग पूरी मजबूती के साथ गुरुजी और हेमंत सोरेन के साथ खड़े हैं. मथुरा महतो ने कहा कि किसी भी संगठन में पार्टी पहले होती है नेता बाद में, पार्टी ही नेता को बनाती है. चंपाई सीनियर लीडर रहे हैं, उनका यह कदम गलत साबित होगा.