Jharkhand News: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक सरयू राय ने बुधवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जैसे-जैसे झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं के परिणाम आते हैं, वैसे-वैसे हमेशा उन पर सवाल उठने लगते हैं. जेडीयू विधायक ने कहा, “इस बार भी छात्रों ने इसी तरह के सवाल उठाए हैं और उनका कहना है कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं, जिनसे यह साबित होता है कि परीक्षा में गड़बड़ियां हुई हैं. सरकार को विधानसभा में एक बयान देना चाहिए और उसे यह बताना चाहिए कि वह भविष्य में क्या कदम उठाने जा रही है.”


'पद की प्रतिष्ठा के खिलाफ भी हो सकता है'
राज्यसभा में विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर उन्होंने कहा, “विपक्ष द्वारा ऐसा कदम उठाना उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के पद की प्रतिष्ठा के खिलाफ भी हो सकता है, क्योंकि बिना उचित प्रक्रिया के ऐसे प्रस्तावों का लाना संसदीय मर्यादा के अनुरूप नहीं है. यह सब जानते हुए भी विपक्ष यह कदम उठाने की कोशिश करता है, जो यह बताता है कि वे केवल एक राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं और जनता की बजाय अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को साधने का प्रयास कर रहे हैं.”


'संसदीय नियमों के खिलाफ माना जाएगा'
उन्होंने कहा, “इसके अलावा यह भी ध्यान देने योग्य है कि अविश्वास प्रस्ताव संसद में आमतौर पर तब ही पारित हो सकता है, जब राज्यसभा में बहुमत हो और लोकसभा की सहमति भी मिल जाए. यह प्रक्रिया इतनी जटिल और लंबी होती है कि ऐसे प्रस्तावों के सफल होने की संभावना कम होती है. अगर बिना नोटिस के ऐसा प्रस्ताव लाया जाता है, तो इसे संसदीय नियमों के खिलाफ माना जाएगा.” 


'संघर्ष और असहमति साफ तौर पर दिखाई देती है'
राज्य सभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा, “विभिन्न दलों के गठबंधन एक दिखावटी एकता को दर्शाते हैं. अंदरूनी रूप से इन गठबंधनों के भीतर विभिन्न मुद्दों पर मतभेद होते हैं. यह स्थिति इस बात को भी दर्शाती है कि भारत में गठबंधन सरकारों का भविष्य उतना मजबूत नहीं है, जितना कि दिखता है. ऊपर से देखने पर सभी दल एकजुट दिखाई देते हैं, लेकिन अंदर से उनके बीच संघर्ष और असहमति साफ तौर पर दिखाई देती है.”


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