JSSC Controversy: झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को रांची में जेएसएससी दफ्तर का घेराव करने जा रहे छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी भर्त्सना की. उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के इशारे पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने की बर्बर कार्रवाई है. छात्र जेएसएससी सीजीएल (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) परीक्षा में गड़बड़ी का विरोध कर रहे हैं. यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है.
उन्होंने कहा कि छात्रों के शांतिपूर्ण विरोध का समाधान निकालने की बजाय लाठी और हिंसा के सहारे दमन करने की यह कोशिश मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की छात्रों-बेरोजगारों के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करता है. आज लाठी केवल छात्रों पर नहीं चली है, बल्कि यह सरकार से न्याय की उम्मीद पर भी प्रहार है.
'सीबीआई जांच की सिफारिश कर गतिरोध करें समाप्त'
सीएम हेमंत सोरेन को अपनी हठधर्मिता और अहंकार त्याग कर आंदोलन करने वाले गरीब, मेहनती छात्रों की मांग पर संवेदनापूर्वक विचार करना चाहिए. वे सीजीएल परीक्षा को अपनी नाक, अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाएं और छात्र हित में सीबीआई जांच की सिफारिश कर गतिरोध समाप्त करें.
'छात्रों पर किया गया लाठीचार्ज'
झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष और विधायक जयराम महतो ने भी लाठीचार्ज की घटना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर शांतिपूर्वक आगे बढ़ रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया. इससे पार्टी के नेता देवेंद्रनाथ महतो समेत कई छात्रों को काफी चोट लगी है.
'हमारी लड़ाई जारी रहेगी'
उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. अफसरशाही पूरे चरम पर है. लगातार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. परीक्षा को रद्द करने एवं धांधली की सीबीआई जांच की मांग पर हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
बता दें कि सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे छात्रों का एक समूह रांची में नामकुम सदाबहार चौक पर इकट्ठा होकर जेएसएससी दफ्तर की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहा था तो पुलिस ने उन्हें रोका. छात्रों के नेता देवेंद्र नाथ महतो पर पुलिसकर्मियों ने लाठी बरसाई और उन्हें घसीटकर पुलिस की गाड़ी में बिठा लिया. उनके एक अन्य साथी को भी हिरासत में लिया गया है.
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