Corruption in Politics: जाएगी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी, इन मुख्यमंत्रियों को भी भ्रष्टाचार के आरोप में देने पड़ा था इस्तीफा
Corruption charges on Chief Ministers: लालू यादव को 1997 में चारा घोटाले में सीबीआई ने आरोपी बनाया.जब उनकी गिरफ्तारी अपरिहार्य हो गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने (Hemant Soren) की विधासभा सदस्यता (Assembly Membership) रद्द कर दी गई है.इस मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को पत्र भेजा है.चुनाव आयोग ने ये सिफारिश सीएम सोरेन के एक खनन लीज (Mining Lease) अपने नाम करवाने के मामले में की है.इसके बाद उनकी सरकार का गिरना तय है. आइए हम देखते हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में अबतक कितने मुख्यमंत्रियों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है.
जयललिता – तमिलनाडु
सितंबर 2014 में बतौर मुख्यमंत्री जयललिता को आय से अधिक संपत्ति (करीब 63 करोड़ रुपये) के मामले में दोषी पाया गया. उन पर सौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया और चार साल की सजा सुनाई गईय इस फैसले के बाद जयललिता को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
बीएस येदियुरप्पा – कर्नाटक
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के केस में अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी.येदियुरप्पा के कार्यकाल में राज्य में बड़े पैमाने पर अवैध माइनिंग का आरोप था. येदियुरप्पा दक्षिण भारत में बीजेपी के पहले सीएम थे.वो 2008 में कर्नाटक के सीएम बने थे.लोकायुक्त संतोष हेगड़े की रिपोर्ट में 2011 में उन पर राज्य में अवैध माइनिंग के आरोप लगे थे. येदियुरप्पा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण अगस्त 2011 में येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था.
मधु कोड़ा -झारखंड
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बने मधु कोड़ा भी जेल जा चुके हैं. मधु कोड़ा 18 सितंबर, 2006 को केवल 35 साल की आयु में मुख्यमंत्री बन गए थे. मधु कोड़ा पद पर करीब 23 महीने रहे.अगस्त 2008 में झामुमो के समर्थन वापसी से मधु कोड़ा की सीएम कुर्सी छिन गई.इसके बाद फिर घोटाले के मामले में 30 नवंबर 2009 को ईडी ने कोड़ा को गिरफ्तार कर लिया.वो करीब तीन साल तक जेल में रहे.
लालू यादव – बिहार
लालू यादव को 1997 में चारा घोटाले में सीबीआई ने आरोपी बनाया.जब उनकी गिरफ्तारी अपरिहार्य हो गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. चारा घोटाला 1996 में तब सामने आया था, जब चाईबासा ट्रेजरी में छापेमारी की गई थी. इसमें 1990 से 1995 के बीच पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं के लिए चारे की खरीद के लिए फर्जी कंपनियों को भुगतान किया गया था.
लालू यादव अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री थे. उनके पास वित्त विभाग भी था.उन्होंने जांच के आदेश दिए. इस पर पटना हाई कोर्ट ने तुरंत संज्ञान लिया.अदालत ने सीबीआई को जांच सौंपने का फैसला किया.सीबीआई ने बाद में उन्हें एक आरोपी बनाया और जून 1997 में पहली बार उन्हें गिरफ्तार किया गया.
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