Latehar News: लातेहर का एक ऐसा सरकारी स्कूल, जहां बुनियादी सुविधा के अभाव में 350 बच्चे एक साथ बैठने को मजबूर
Latehar: लातेहर के राजकीय कृत प्लस टू सरकारी स्कूल में कुल 17 कमरे हैं और हर कमरे में एक बार में 100 बच्चों के बैठने की क्षमता है, लेकिन यहां 3,500 बच्चों का नामांकन हुआ है.
Jharkhand News: सरकारी शिक्षा का स्तर कैसा होता है ये बात किसी से छिपी नहीं है. शिक्षा व्यवस्था बदहाल होने की कई वजह है, इनमें से सबसे ज्यादा दिक्कत बुनियादी और ढांचागत संरचना की है. झारखंड के लातेहार में शिक्षा व्यवस्था का आलम भी कुछ ऐसा ही है. दरअसल, बालूमाथ प्रखंड मुख्यालय स्थित राजकीय कृत प्लस टू उच्च विद्यालय में कुल 17 कमरे हैं और हर कमरे में एक बार में 100 बच्चों के बैठने की क्षमता है, लेकिन 3500 बच्चों का नामांकन हुआ है. ऐसे में कमरों के अभाव में बच्चे स्कूल की फील्ड में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
बता दें कि उन्हीं 17 कमरों में से चार छोटे कमरे को स्कूल का ऑफिस भी बनाया गया है. वहीं अन्य एक कमरे का लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, कमरों के हिसाब से स्कूल में 1000 बच्चों के ही बैठने की क्षमता है. मिली जानकारी के अनुसार साल 2023-24 में 9वीं कक्षा में 397 बच्चों का नामंकन हुआ है. जबकि 10वीं में 457, 11वीं में 1,200 बच्चों का एडमिशन हुआ है. वहीं 12वीं के बच्चों को मिलाकर कुल 3,500 बच्चे मौजूदा समय में अध्ययनरत हैं.
एक साथ 350 बच्चे बैठते हैं
इस स्कूल में एक कक्षा को चलाने के लिए तीन सेक्शन बनाए गए हैं. नौवीं क्लास में तीन सेक्शन है, जिसमें प्रत्येक सेक्शन में 200 बच्चे बैठते हैं. वहीं दसवीं क्लास में भी तीन सेक्शन बनाए गए हैं और एक सेक्शन में 200 बच्चों को बैठाया जाता है. जबकि 11वीं कक्षा है में आर्ट्स में तीन सेक्शन बनाए गए हैं और एक सेक्शन में 350 बच्चों को बैठाया जाता है. वही साइंस और कॉमर्स में एक-एक सेक्शन बनाकर किसी तरह से स्कूल को संचालित किया जा रहा है.
स्कूल की प्रिंसिपल ने क्या कहा?
बता दें कि, बालूमाथ प्रखंड का मदर विद्यालय कहे जाने वाले इस स्कूल में खेलने के लिए एक बड़ा मैदान भी है. इस मैदान में बालूमाथ के सभी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. यहां कई पदाधिकारी वह नेता का आवागमन होते रहता है फिर भी किसी भी पदाधिकारी व नेता का इस विद्यालय पर कोई ध्यान नहीं है. वहीं 3,500 नामांकन वाले विद्यालय में मात्र 17 कमरा एवं 17 शिक्षक के भरोसे विद्यालय को चलाया जा रहा है. स्कूल की प्रिंसिपल रूबी बानो ने कहा कि, सरकार द्वारा जो संसाधन उपलब्ध कराया गया है इसी संसाधन के तहत विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य कराया जा रहा है.