Jharkhand: लातेहार में नक्सली संगठन के एरिया कमांडर ने किया सरेंडर, मुठभेड़ में शहीद हुए थे डिप्टी कमांडेंट
Palamu News : नक्सली सत्येंद्र उरांव ने बताया कि उसका बड़ा भाई भी नक्सली संगठन जेजेएमपी का सक्रिय सदस्य था. एक मुठभेड़ में उसके भाई की मौत हो गई थी. इसके बाद उसने जेजेएमपी का दामन थाम लिया था.
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Latehar Naxalite Surrender : लातेहार पुलिस (Police) के द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान से नक्सलियों (Naxalites) में हड़कंप मचा हुआ है. नक्सली अपने को सुरक्षित करने के लिए अब पुलिस की शरण में आने लगे हैं. गुरुवार को उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (JJMP) के एरिया कमांडर सत्येंद्र उरांव (Satyendra Oraon) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. सत्येंद्र उरांव पलामू जिले के पांकी का रहने वाला है. वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रह चुका है. लातेहार एसपी अंजनी अंजन, सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट वीके त्रिपाठी और द्वितीय कमान अधिकारी विनोद कनौजिया ने शॉल प्रदान कर सत्येंद्र का आत्मसमर्पण करवाया.
दी गई जानकारी
दरअसल, एरिया कमांडर सत्येंद्र उरांव पिछले 4 वर्षों से नक्सली संगठन जेजेएमपी के साथ मिलकर क्षेत्र में दहशत फैला रहा था. एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट और अन्य अधिकारियों के द्वारा सत्येंद्र को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया गया. बाद में पुलिस अधिकारियों ने उसे सरकार की आत्मसमर्पण नीति से मिलने वाले फायदों की भी जानकारी दी. इसके बाद इसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
क्या कहा सीआरपीएफ कामांडेंट ने
सीआरपीएफ के कमांडेंट वीके त्रिपाठी ने बताया कि एरिया कमांडर सत्येंद्र उरांव के परिजनों ने उनसे संपर्क किया और आत्मसमर्पण करवाने की अपील की. इसके बाद सत्येंद्र को सरकार के आत्मसमर्पण नीति के लाभ की जानकारी दी गई. इसके बाद गुरुवार को इसने आत्मसमर्पण कर दिया.
मुठभेड़ में डिप्टी कमांडेंट हुए थे शहीद
बताया गया कि आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली सत्येंद्र उरांव 3 वर्ष पहले हुए पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ में भी शामिल था. इस मुठभेड़ में जगुआर के डिप्टी कमांडेंट भी शहीद हो गए थे. इसके अलावा कई अन्य मुठभेड़ में भी वह शामिल था.
नक्सली सत्येंद्र उरांव ने क्या कहा
नक्सली सत्येंद्र उरांव ने बताया कि उसका बड़ा भाई भी नक्सली संगठन जेजेएमपी का सक्रिय सदस्य था. लेकिन, एक मुठभेड़ में उसके भाई की मौत हो गई थी. इसके बाद उसने जेजेएमपी का दामन थाम लिया था. सत्येंद्र उरांव के आत्मसमर्पण के बाद एसपी अंजनी अंजन ने अन्य नक्सलियों से अपील की है कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाते हुए हिंसा का रास्ता छोड़ें और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करें. आत्मसमर्पण करने के बाद नक्सली सत्येंद्र उरांव को पुलिस ने सम्मानित भी किया.
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