Jharkhand में कहर बनकर टूटती है आसमानी बिजली, जानें कैसे रह सकते हैं सेफ, काम आएंगे बचाव के ये तरीके
jharkhand Lightning: झारखंड में आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं आम हैं. ऐसे समय पर कई बातों का ध्यान रखकर इस आसमानी आपदा से बचाव किया जा सकता है. सरकार ने भी इसे लेकर कदम उठाए हैं.
Lightning Safety Tips: आसमानी बिजली का कहर झारखंड (Jharkhand) के लिए एक बड़ी आपदा है. राज्य में आसमानी बिजली गिरने की घटनाएं आम हैं. भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) ने थंडरिंग और लाइटनिंग के खतरों को लेकर देश के जिन 6 राज्यों को सबसे संवेदनशील के तौर पर चिन्हित किया है, झारखंड भी उनमें से एक है. हाल ही में झारखंड के बोकारो (Bokaro) में आसमानी बिजली गिरने से एक स्कूल के 50 बच्चे इसके चपेट में आ गए. 15 बच्चे इसकी चपेट में आने से बुरी तरह झुलसे हैं. सभी बच्चे बोकारो बांधड़ीह मिडिल स्कूल के है. जिस समय बच्चे अपनी क्लास में पढ़ाई कर रहे थे तभी स्कूल के बरामदे में बिजली गिरी और उसके झटके से बच्चे झुलस गए. तो चलिए आपको बताते हैं कि, ऐसे समय पर किन बातों का ध्यान रखकर इस आसमानी आपदा से बचाव किया जा सकता है.
ऐसे रह सकते हैं सुरक्षित
- बारिश के समय घर से बाहर निकलने से बचें.
- वज्रपात के दौरान पेड़ों के नीचे शरण लेना सबसे खतरनाक है, ऐसा कभी ना करें.
- आसमान में बिजली कड़क रही हो और सुरक्षित स्थान पर नहीं जा पा रहे हैं, तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक और बोरा में से कोई एक अपने पैरों के नीचे रख लेना चाहिए.
- ऐसे समय दोनों पैरों को आपस में सटा लेना चाहिए, दोनों हाथों को घुटने पर रखकर अपने सिर को जमीन की ओर यथासंभव झुका लेना चाहिए.
- ध्यान रहे कि सिर को जमीन से ना छुआएं ना ही जमीन पर लेटें.
- पानी की मेटल पाइपलाइन से दूर रहें.
- घर के खिड़कियां, दरवाजे बंद रखें. दरवाजे और मेटल की चीजों के पास खड़े ना हों.
- पानी से दूर रहें.
सामने आई लापरवाही
यहां ये भी बता दें कि, सरकार की और से तमाम स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में तड़ित चालक लगाया जाना अनिवार्य है, लेकिन बोकारो के बांधडीह मिडिल स्कूल में तड़ित चालक नहीं लगा है. जिस कारण आसमानी बिजली स्कूल के बरामदे में आ गिरी और उसकी चपेट में बच्चे आ गए. तड़ित चालक एक प्रकार का यंत्र है जो कॉपर और लोहे के मिलने से बनता है. इसे स्कूल, सरकारी भवनों सहित ऊंचे-ऊंचे घरों की छतों पर लगाया जाता है ताकि आसमानी बिजली गिरने पर उसकी तीव्रता को खींचकर उसे सीधे जमीन के अंदर पहुंचाया जाता है. लेकिन इस स्कूल में तड़ित चालक नहीं लगाया गया था जिस कारण ये हादसा हुआ.
बड़ी आपदा है आसमानी बिजली
झारखंड में एक गांव ऐसा भी है जहां जब भी बिजली कड़कती है तो लोग सहम जाते हैं. आसमानी बिजली ने इस गांव में इतनी तबाही मचाई है कि इसका नाम ही वज्रमरा पड़ गया है. संभव है कि ये पूरे देश का अकेला ऐसा गांव है, जहां पूरे साल में 500 से भी ज्यादा बार आसमानी बिजली गिरती है. इस गांव का शायद ही कोई ऐसा परिवार है, जिसने वज्रपात की वजह से जान-माल का नुकसान ना उठाया हो.
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