BJP ज्वाइन करते ही लोबिन हेम्ब्रम का JMM पर निशाना, 'कुछ लोगों के कारण...'
Jharkhand Politics: चंपाई सोरेन के बाद लोबिन हेम्ब्रोम के साथ बीजेपी ज्वाइन कर ली. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने कहा कि वह मिल बैठकर बात करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.
Jharkhand News: जेएमएम के पूर्व नेता लोबिन हेंब्रम (Lobin Hembrom) ने शनिवार को बीजेपी ज्वाइन कर ली. बीजेपी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने यह दावा किया कि जेएमएम अब पहले जैसी नहीं रही. जेएमएम में हर कोई कुछ लोगों की वजह से नाराज है. बता दें कि लोबिन ने 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के ही प्रत्याशी को हराया था. लोबिन को जेएमएम ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.
लोबिन झारखंड के बड़े आदिवासी नेता हैं. उनकी ज्वाइनिंग से बीजेपी को फायदा मिलने के आसार हैं. वहीं, बीजेपी ज्वाइन करने के बाद मीडिया से एएनआई से बातचीत में लोबिन ने बताया कि उनकी आगे की क्या रणनीति रहेगी और किन मुद्दों पर काम करेंगे. लोबिन ने कहा, ''यहां से जाने के बाद बैठेंगे और तय करेंगे. कैसे यहां के आदिवासियों को बचाना है. कैसे यहां के लोग बचेंगे. जल, जंगल, जमीन का अधिकार कैसे बनेगा. घुसपैठियों से कैसे बचेंगे. बैठकर रणनीति तय करेंगे.''
#WATCH | Ranchi: After joining the BJP months after he was expelled by JMM for 6 years, Lobin Hembrom says, "...Do you not know that everyone is upset in Jharkhand Mukti Morcha (JMM) due to a few people? JMM is not JMM anymore..."
— ANI (@ANI) August 31, 2024
He also says, "We will sit down together and… pic.twitter.com/GnThzx2t7c
लोबिन ने बोरियो से जीता था चुनाव
बांग्लादेशी घुसपैठियों का सवाल अचानक कैसे कर रहे हैं? इस पर लोबिन ने कहा, ''सुनी सुनाई बात अलग है और खुद जाकर देखना अलग है. मैंने खुद जाकर देखा है. मुद्दे को उठाना शुरू कर दिए हैं.'' लोबिन ने 2019 में बीजेपी के सूर्य नारायण हंसदा को बोरियो सीट से हराया था. लोबिन को 77365 वोट मिले थे जबकि 59441 वोट हासिल हुए थे. इस सीट पर जेएमएम को 47.4 प्रतिशत जबकि बीजेपी को 36.4 प्रतिशत वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर आजसू रही थी.
जेएमएम को खड़ा करने वालों का हुआ तिरस्कार- मरांडी
वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, ''चंपाई सोरेन, लोबिन हेम्ब्रोम और सीता सोरेन जी ने मेहनत और परिश्रम से झारखंड मुक्ति मोर्चा को खड़ा किया, लेकिन उन्हें वहां तिरस्कृत किया गया.'' मरांडी ने कहा कि आदिवासियों और मूलवासियों ने जिस उद्देश्य के साथ झामुमो की सरकार बनाई थी, वो उद्देश्य पूरा नहीं हो सका. सरकार का लाभ स्थानीय झारखंड वासियों को नहीं, बल्कि वैसे लोगो मिला जिन्हें ना तो आदिवासियों से कोई मतलब है, ना मूलवासियों से.''
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