आजादी के बाद यहां पहली बार होगा मतदान! हेलीकॉप्टर से उतरेंगे मतदान कर्मी, जानें क्या है वजह?
Lok Sabha Election: सिंहभूम के अंदरूनी इलाकों में 13 मई को पहली बार मतदान होगा. एशिया के सबसे घने ‘साल’ वन सारंडा में रहने वाले लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
Jharkhand Lok Sabha Election 2024: मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदाताओं को जागरूक होना जरूरी है. जागरूक मतदाताओं को वोट की अहमियत का पता होता है. वोट की ताकत से पारदर्शी सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.
आजादी के वर्षों बाद भी देश में कई इलाके मतदान से वंचित रहे हैं. झारखंड के सिंहभूम लोकसभा सीट पर माओवाद से प्रभावित रहे कई अंदरूनी इलाकों में 13 मई को पहली बार या दशकों बाद मतदान होगा. वोटिंग के लिए मतदान कर्मियों और सामग्रियों को हेलीकॉप्टर के जरिए इन स्थानों पर उतारा जायेगा ताकि एशिया के सबसे घने ‘साल’ वन सारंडा में रहने वाले लोग मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.
आजादी के बाद पहली बार वोटिंग!
पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप चौधरी ने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी मतदाता छूट न जाए. हमने ऐसे कई क्षेत्रों की पहचान की है. उन क्षेत्रों में पहली बार या लगभग दो दशक बाद मतदान होगा. ये स्थान माओवादी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित थे. ’’ स्थिति में सुधार के बावजूद पश्चिमी सिंहभूम उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में एक बना हुआ है. पिछले साल माओवाद संबंधी 46 घटनाओं में 22 लोगों की मौत हुई.
जंगलों के बीच पोलिंग बूथ चिह्नित
चौधरी ने कहा, ‘‘हवाई मार्ग से कर्मियों और मतदान सामग्री पहुंचाने के लिए रोबोकेरा, बिंज, थलकोबाद, जराइकेला, रोआम, रेंगराहातु, हंसाबेड़ा और छोटानागरा जैसे दुर्गम स्थानों में 118 पोलिंग बूथ को चिह्नित किया गया है. कुछ क्षेत्रों में मतदान दलों को चार-पांच किलोमीटर पैदल चलना होगा. हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस बार हम हर क्षेत्र तक पहुंच जाएं.’’उन्होंने बताया कि मतदान कर्मी हेलीकॉप्टर के अलावा ट्रेन और सड़कों से भी यात्रा करेंगे.
उन्होंने कहा कि ट्रेन के जरिए 121 दल भेजे जाएं. उपायुक्त के मुताबिक निर्वाचन क्षेत्र में 62 से अधिक मतदाताओं की आयु 100 वर्ष से अधिक है. उन्होंने कहा, ‘‘तीन तरह के लोगों को होम वोटिंग की सुविधा दी गयी है. 100 और 85 वर्ष से अधिक आयु के 3,909 लोग घर बैठे वोटिंग कर सकते हैं. 13,703 दिव्यांगजनों के लिए भी घर पर मतदान का विकल्प दिलाने की कवायद की गयी है."
प्रशासन लोगों के बीच मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है. 100 फुट की ऊंचाई पर एक विशाल गुब्बारा लगाना और व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (एसवीईईपी) के तहत 1,284 ‘चुनावी पाठशाला’ चलाना शामिल है. सिंहभूम, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है. आरक्षित सीट पर 14.32 लाख मतदाताओं में से 7.27 लाख महिलाएं हैं. झारखंड में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान चार चरणों में 13, 20 एवं 25 मई और एक जून को होगा. उपायुक्त ने बताया कि नुगडी और बोरेरो के मध्य विद्यालयों जैसे बूथों पर पहली बार मतदान होगा.