Lok Sabha Elections 2024: झारखंड प्रदेश बीजेपी अभी असमंजस की स्थिति में है. संगठन पूरी तरह अनिर्णय की परिधि में आ पड़ी है. सांगठनिक काम कैसे आगे बढ़े इस बारे कुछ भी तय नहीं हो पा रहा है. यह हालत तब है, जब डुमरी उपचुनाव में एनडीए की हार हो चुकी है और 2024 लोकसभा चुनाव करीब है. प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होने के 66 दिन बाद केवल प्रदेश कार्यसमिति की ही बात नहीं, प्रदेश पदाधिकारियों की सूची तक तय नहीं हो पाई है. प्रार्येभक तौर पर 35 नाम चिह्नित हुए हैं, जिसके इर्द-गिर्द चर्चा हो रही है.
इसको लेकर प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी और प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह अलग-अलग बैठक कर चुके हैं, पर चारों का एक साथ इस विषय पर बात करना अभी बाकी है. इस बीच बाबूलाल मरांडी अपने पांच चरणों की संकल्प यात्रा का तीसरा चरण पूरा कर चुके हैं. उनके कार्यक्रम में भीड़ जुट रही है और पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं, पर सांगठनिक नियुक्तियों पर अनिर्णय के कारण पार्टी में ऊहापोह की स्थिति है. प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा के बाद कहा गया था कि पार्टी विधायक दल का नेता बदलेगी.
बाबूलाल मरांडी ने की बैठक
इसके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक आए और उन्होंने सभी विधायकों से बात कर तीन-तीन नाम भी मांगे पर डेढ़ महीने के बाद भी उस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है. वहीं रविवार को प्रदेश मुख्यालय में बाबूलाल मरांडी और नागेंद्र नाथ त्रिपाठी की वन टू वन बात हुई. यह बैठक करीब 45 मिनट तक चली. बैठक के अंतिम 15 मिनट में कर्मवीर सिंह भी जुड़े. बैठक के बाद नागेंद्र नाथ त्रिपाठी पटना के लिए रवाना हो गए. बाद में बाबूलाल मरांडी और कर्मवीर सिंह भी साथ बैठे. मिली जानकारी के अनुसार, इन तीनों नेताओं ने प्रदेश कमेटी के गठन पर विचार किया.
वहीं पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह को आश्वासन मिलने के बाद भी पार्टी में शामिल नहीं कराया गया. पार्टी के कई वरीय नेताओं समेत प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने भी कई महीने पहले मलखान सिंह के साथ इस विषय पर विचार किया है. पार्टी में शामिल कराने की बात पर सहमति के बावजूद अब तक इनकी ज्वाइनिंग का कार्यक्रम तय नहीं हो पाया है.
पार्टी में शामिल होने वालों पर भी नहीं हो पा रहा फैसला
2024 का लोकसभा चुनाव करीब है पर पार्टी में शामिल होने वालों पर भाजपा नेता कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं. संकल्प यात्रा के चौथे चरण में 15 सितंबर को राजद के पूर्व सांसद घुरन राम को भाजपा में शामिल होना था. वरीय नेताओं के बीच इस विषय पर सहमति बन चुकी थी. गढ़वा में मिलन समारोह की तैयारियां भी शुरू कर दी गई थीं, पर दो दिन पहले अचानक घुरन राम को मना कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि घुरन राम को पार्टी में लाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आवास पर दो दौर की बैठक हुई थी. इसमें घुरनर राम के अलावा कई बड़े नेता शामिल हुए थे. रविवार को पूछने पर घुरन ने कहा कि इस विषय पर अभी बात नहीं कर सकते.