Lok Sabha Elections 2024: पार्टी अलग-अलग पर धंधा एक! चुनाव से पहले ED की दबिश में खुले नेताओं के 'राज'
Jharkhand: BJP के राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है. भ्रष्टाचारी चाहे किसी दल का हो, उस पर कानून का डंडा चलेगा ही चलेगा.
Jharkhand News: झारखंड में पहली बार ईडी की दबिश में झामुमो और कांग्रेस ही नहीं, बीजेपी नेताओं का चेहरा भी सामने आया है. झारखंड में बुधवार से जारी ईडी की इस कार्रवाई ने इसे स्पष्ट किया है, जिन व्यवसायियों और कारोबारियों के यहां ईडी की छापेमारी हुई है, उनमें कोई सीधे भाजपा से जुड़ा है, तो कोई कांग्रेस और झामुमो से जुड़ा है. कुछ कारोबारियों की कलाकारी पूर्व की सरकारों में रही, तो वर्तमान सरकार में भी उनकी चलती है. दिलचस्प यह भी है कि इनके गहरे संबंध राज्य के अधिकतर बड़े नेताओं से भी रहे हैं. चाहे वह भाजपा के हों या कांग्रेस और झामुमो के हों.
इतना नहीं शराब के इस अवैध धंधे में सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने अपनी पैठ जमा रखी थी. प्रेम प्रकाश और योगेंद्र तिवारी शराब के कारोबार से जुड़े दो चेहरे हैं, जिनकी पूर्व और वर्तमान सरकार में चाल एक ही तरह की रही. प्रेम प्रकाश का जलवा पूर्व की रघुवर दास सरकार में भी रहा. शराब कारोबार पर ही नहीं सरकार पर भी उनका दबदबा समय-समय पर दिखा. शराब की नई और पुरानी नीति में उनकी प्रभावी भूमिका रही. उसी तरह योगेंद्र तिवारी भी पूर्व सरकार और वर्तमान सरकार में भी प्रभावी रहे.
ईडी की छापेमारी में सबके चेहरे सामने आए
शराब के धंधे में दलीय बंधन से ऊपर उठ कर लोगों ने काम किया है. यह भी ईडी की छापेमारी में सामने आया है. इसका प्रमाण है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री रामेश्वर उरांव के पुत्र रोहित उरांव भी इस धंधे से जुड़े रहे हैं. वहीं, भाजपा के पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी के पुत्र वैभव शाहाबादी भी इस धंधे से जुड़ कर मुनाफा कमाने में लगे रहे हैं. मुन्नम संजय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, तो अभिषेक झा मधुपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं.
शराब कारोबारियों का बड़े नेताओं से गहरा संबंध
पूर्व की रघुवर सरकार में प्रमुख शराब कारोबारियों की चलती रही, तो हेमंत सरकार में भी दबदबा कायम है. यह तो क्लियर हो चुका है, लेकिन इसके इतर कांग्रेस, झामुमो और भाजपा के बड़े नेताओं से भी इनके गहरे संबंध रहे हैं. योगेंद्र तिवारी के जामताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी से अच्छे संबंध रहे हैं. वहीं, प्रदेश भाजपा के एक सबसे बड़े नेता से भी तिवारी के संबंध जगजाहिर हैं. इसके अलावा योगेंद्र तिवारी के भाजपा के एक गैर आदिवासी सांसद से बेहतर संबंध को सभी जानते हैं. झामुमो के छोटे साहब के साथ मिल कर वह शराब और बालू का कारोबार कर रहे थे. यह भी राजनीतिक गलियारे का हर बड़ा नेता जानता है.
ईडी जांच कर बताए कि किसका किस राजनीतिज्ञ से संबंध
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि शराब का कारोबार करने वाले अपना धंधा करते हैं. इसमें कई तरह की खामियां थी, जिसका नीयत समय पर दूर किया जाना चाहिए था. अब तो आरोपी बता सकते हैं कि उनका किस राजनेता या राजनीतिक दल से संबंध रहा है. साथ ही ईडी को जांच कर बताना चाहिए कि उन्होंने किस दल या नेता से मिल कर लाभ उठाया.
ईडी अपना काम कर रही है
भाजपा के राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है. भ्रष्टाचारी चाहे किसी दल का हो, उस पर कानून का डंडा चलेगा ही चलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो संकल्प कर रखा है, उसका भी यह एक उदाहरण है कि वे बख्शे नहीं जाएंगे. कानून हर दोषी के खिलाफ अपना काम करेगा. इससे यह भी साबित होता है कि मोदी सरकार में संवैधानिक संस्थाएं बिना किसी दबाव और हस्तक्षेप के अपना काम कर रही हैं. इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने फिलहाल टिप्पणी से इंकार किया.
झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि व्यवसाय तो कोई भी कर सकता है, लेकिन अब ईडी ही बता सकता है कि किसने किस दल या नेता के साथ मिल कर शराब का कारोबार किया, लाभ उठाया. ईडी की जांच रिपोर्ट आने पर यह और स्पष्ट हो सकेगा. ऐसे संभावना व्यक्त करना कि फलां नेता अवैध कारोबार में लिप्त है, गलत होगा.