Lok Sabha Elections 2024: राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) की अभी हाल ही में गिरिडीह में जनसभा हुई. ऐसे में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी के संकेत दे दिए हैं. वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के गिरिडीह में आने के कई मायने हैं. दरअसल, पिछले गठबंधन में आजसू के खाते में गई गिरिडीह सीट पर बीजेपी ने चुनावी तैयारी फिर से शुरू की है. इस सीट पर लंबे समय तक बीजेपी की पकड़ रही थी. साल 1996 से 2014 तक साल 2004 को छोड़कर बीजेपी ने जीत हासिल की. इस पुरानी सीट से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज किया है.


राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यक्रम गिरिडीह में तय करने के पीछे कई रणनीति है. इस सीट को बीजेपी आजसू के भरोसे छोड़ने के मूड में नहीं है. इस रैली के साथ बीजेपी ने सीधे तौर पर दो लोकसभा सीट को टारगेट किया है. गिरिडीह और कोडरमा के साथ-साथ बोकारो और धनबाद के कुछ इलाके को साधने का प्रयास है. कोडरमा और गिरिडीह के संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 12 सीटें हैं. इसमें कोडरमा, राजधनवार, जमुआ और बाधमारा बीजेपी के कब्जेवाली सीट हैं.


मतलब साफ है कि, इस इलाके में बीजेपी के लिए अपनी पकड़ बनाने की चुनौती है. वहीं इस 12 विधानसभा की सीटों में झामुमो और कांग्रेस के पास पांच सीटें हैं. झामुमो के पास गिरिडीह, डुमरी, टुंडी और कांग्रेस के पास बेरमो और गांडेय की सीट गई है. वहीं आजसू ने गिरिडीह संसदीय सीट की गोमिया विधानसभा सीट में अपना खूंटा गाड़ा था. ऐसे में एनडीए गठबंधन के सामने यूपीए की पकड़ वाली सीटों पर बढ़त बनाने की चुनौती है. बता दें कि, बीजेपी ने इस रैली के साथ अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है. दरअसल, आजसू के खाते में गिरिडीह की सीट जाने के बाद इस रैली के बहाने अपने पुराने कार्यकर्ताओं में जोश भरा है. 


गिरिडीह से चुनावी शंखनाद


वहीं बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी की राजनीतिक जमीन वाले इलाके से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने चुनावी शंखनाद किया है. इस इलाके में बीजेपी के ये दोनों कद्दावर नेताओं की प्रतिष्ठा फंसी है. गिरिडीह के राजधनवार से मरांडी विधायक बन कर आये हैं. वहीं अन्नपूर्णा देवी राजद से लेकर बीजेपी तक के सफर में कोडरमा की राजनीति की धुरी रही हैं. ऐसे में इन दोनों नेताओं  को दिखाकर भाजपा इस इलाके में पैठ बढ़ाना चाहती है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि एनडीए की ताकत आने वाले समय में बढ़ेगी. हमारे साथ नये दल जुटेंगे. अकाली दल हमारे साथ फिर से आया है. आजसू पार्टी के साथ झारखंड में हमारा स्वाभाविक गठबंधन है. हम राज्य गठन से पहले के साथी हैं.


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