Lok Sabha Elections: झारखंड की 7 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है हेमंत सोरेन की पार्टी, क्या JMM की मांग पर बनेगी बात?
Jharkhand Politics: झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं. इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच अगले 10 दिन के भीतर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होना है. इसके पहले जेएमएम की दावेदारी सामने आ रही है.
Jharkhand News: झारखंड में इंडिया ब्लॉक के दलों में लोकसभा (Lok Sabha) सीटों को लेकर अभी सीट शेयरिंग नहीं हुई. हालांकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) राज्य की सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. उधर, गठबंधन सहयोगी कांग्रेस (Congress) का कहना है कि वह सभी दलों के हितों को ध्यान में रखेगी. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सीट शेयरिंग के मुद्दे को 10 दिनों के भीतर सुलझा लिया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा की अनुसूचित जनजातियों के आरक्षित सभी पांच सीटों पर नजर है. इसके अलावा उन्होंने जमशेदपुर और गिरिडीह पर भी दावा बोला है और बाकी की सीटें दूसरी पार्टियों के लिए छोड़ी हैं. राज्य में सिंहभूम, खूंटी, दुमका, लोहरदगा और राजमहल एसटी के लिए आरक्षित सीटें हैं. बता दें कि 2019 के चुनाव में जेएमएम ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और केवल एक सीट जीत पाई थी. जबकि कांग्रेस ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह भी केवल एक सीट ही जीत पाई थी.
कोई पार्टी नहीं बल्कि इंडिया ब्लॉक लड़ रहा चुनाव- जेएमएम
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सीट शेयरिंग में कोई समस्या नहीं होगी और 10 दिन के अंदर डील हो जाएगी. दूसरी तरफ जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल दल जीत दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जेएमएम और कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही बल्कि इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ रहा है.
सीट शेयरिंग पर क्या बोली कांग्रेस
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने कहा कि हमारी पार्टी सभी सहयोगियों के हितों को ध्यान में रखेगी. इस मसले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाएगा. झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेएमएम के खाते में एक-एक सीट गई थी जबकि आजसू और बीजेपी ने साथ मिलकर 12 सीटें जीती थीं. इंडिया गठबंधन में 28 पार्टियां शामिल हैं. इनमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां भी शामिल हैं. पिछले दिनों इंडिया गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग हुई जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे को अध्यक्ष चुना गया जबकि नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का ऑफर दिया गया लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया.
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