Jharkhand News: झारखंड के रांची (Ranchi) में जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ सोमवार यानी आज एकांतवास से बाहर आ जाएंगे. आज शाम शाम चार बजे नेत्रदान अनुष्ठान की शुरुआत होगी और पूजा के बाद शाम पांच बजे के बाद भगवान के दर्शन हो सकेंगे. भगवान रात भर दर्शन मंडप में ही रहेंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे. इसके बाद फिर मंगलवार को सुबह भगवान की पूजा होगी, जिसके बाद पट खोल दिया जाएगा. 


वहीं दिन में पट बंद कर भगवान समेत सभी विग्रहों को रथारूढ़ किया जाएगा. रथ की सजावट और विष्णु लक्षार्चना कर आरती होगी. भक्त रथ को खींचते हुए मौसीबाड़ी ले जाएंगे. भगवान को यहां मंदिर में विराजमान किया जाएगा. मंगल आरती व भोग निवेदन के बाद मंदिर का पट बंद कर दिया जाएगा. बता दें कि, चार जून को स्नान यात्रा के दिन से प्रभु एकांतवास में थे.


333 सालों से निकल रही रथ यात्रा 
दरअसल, जगन्नाथपुर मंदिर में 333 सालों से रथ यात्रा निकाली जा रही है. वहीं विशेष रथ बनाने में लगभग पंद्रह लाख रुपये खर्च हुए. वहीं रथ की ऊंचाई और ध्वजा लगभग चालीस फीट है, जोकि काफी भव्य है. वहीं चौड़ाई 24 फीट और लंबाई 18 फीट है. बता दें कि, रथ अपने मूर्त रूप में आ चुका है. रथ में हाईड्रोलिक इस्तेमाल हुआ ताकि ऊंचाई कम और बढ़ाई जा सके. दरअसल, रांची का जगन्नाथ मेला उड़ीसा के बाद सबसे बड़ा और विशाल माना जाता है.


मेले की तैयारी पूरी
जगन्नाथपुर मंदिर में मेले की सुरक्षा के लिए 16 बैरिकेडिंग बनाए गए हैं. वहीं 40 से भी अधिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से मेले की निगरानी की जाएगी. सुरक्षाबल तैनात होंगे साथ ही सादे लिबास में महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मियों की तैनाती रहेगी. मंदिर परिसर में 10 दिन तक मेला लगा रहता है. इस मेले में दूर-दूर से लोग शामिल होने और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने आते हैं.


रथ यात्रा के दिन क्या होगा?



  • पांच बजे भगवान जगन्नाथ स्वामी का दर्शन होगा.

  • दो बजे दर्शन बंद होगा.

  • दिन के 2:30 बजे तक सभी विग्रहों को रथारूढ़ किया जाएगा.

  • दिन के तीन बजे शृंगार होगा.

  • दिन के तीन बजे से साढ़े चार बजे तक विष्णु सहस्त्रनाम पूजा होगी.

  • शाम पांच बजे रथ मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेगा.

  • शाम छह बजे रथ का मौसीबाड़ी में आगमन होगा.

  • शाम 6.05 बजे महिलाएं रथ पर भगवान की पूजा करेंगी.

  • शाम सात बजे दर्शन बंद व विग्रहों को मंदिर में रखा जाएगा.

  • रात आठ बजे 108 मंगल आरती के बाद भगवान शयन करेंगे.



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