Mahashivratri 2022: देशभर में आज महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जा रहा है. शिवभक्त देवाधिदेव महादेव की कृपा पाने के लिए व्रत किए हुए है. यह व्रत सुबह से अगले दिन सुबह तक रखकर अपने मनवांक्षित फल की प्राप्ति करते है. बताया जाता है महाशिवरात्रि का महापर्व फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान शिव इस दिन काफी खुश रहते हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए व्रत उपवास के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. भगवान शिव के उपासना और व्रत के लिए कई नियम हैं जो श्रद्धालुओं को अवश्य ही पालन करने चाहिए.
इन चीजें चढ़ाने से शिव काफी खुश होते हैं
भगवान शिव को खुश करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव भांग, धतूरा, विल्वपत्र, अबीर, चंदन, पान- सुपारी, जनेऊ, दूध, दही, मधु , अक्षत, पेड़ा केला आदि से खुश होते हैं.
इन चीजों को चढ़ाने से बचें
तुलसी के पत्ते, अड़हुल के लाल फूल, केतकी और चंपा फूल को शिवलिंग में चढ़ाने से बचना चाहिए. जलाभिषेक के लिए कांसे या चांदी के पात्र होना अति उत्तम माना जाता है. स्टील के पात्र से अभिषेक करने से श्रद्धालुओं को बचने की जरूरत है. अक्षत में चावल के टूटे हुए दाने और टूटे हुए विल्वपत्र को भी चढ़ाने से बचना चाहिए. शिवलिंग में कुमकुम के तिलक लगाने से बचने की जरूरत है.
उपवास के दिन इन चीजों के खाने से करे परहेज
महाशिवरात्रि के उपासना के दिन व्रतियों को अन्न खाने से बचना चाहिए. इस शुभ दिन में चावल, दाल या गेहूं से बनी खाने की वस्तुओ का सेवन नहीं करनी चाहिए. दिन में व्रती दूध या फलों का सेवन कर सकते है. सूर्यास्त के समय पूरी तरह उपवास में रहें. रात में सोने के बजाय रात्रि जागरण कर शिव जाप या फिर भजन करे या सुने. दूसरे दिन सुबह स्नान कर शिव को प्रणाम कर प्रसाद ग्रहण करें तो मनोकामना पूर्ण होती है. साथ ही इस महापर्व के दिन काले कपड़े से बचने की जरूरत है.
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