Mahashivratri 2023: बासुकीनाथ में महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा से अनंत सुख-समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है. आज के दिन रखा जाने वाला व्रत अनंत फलदायी मानी जाता है. पंडित सुधाकर झा के अनुसार  शिवार्चन और जागरण व्रत की विशेषता है.


इस व्रत में रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव का अभिषेक और भक्तिपूर्वक पूजन करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि जो भक्त इस दिन उपवास रखकर सेवा में विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं. वह भगवान शिव को प्रसन्न कर लेते हैं. महाशिवरात्रि पर विशेषरूप से महिलाएं उपवास रखकर भगवान शिव की उपासना करती हैं.


भगवान शिव का जलाभिषेक करना अनंत फलदायी


लोहार महाशिवरात्रि में जागरण के साथ ही बिहारी रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शिव का अनुमंडल पंचामृत से स्नान कर चंदन, पुष्प, अक्षत, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, धूप, दीप और नैवेद्य आदि से पूजा करने से रूप से पुण्य की प्राप्ति होती है. पंडा के अनुसार पंचोपचार और षोडशोपचार से पूजन करें, शिव पंचाक्षर नमः शिवाय, रुद्रीपाठ और रुद्राष्टाध्यायी के पाठ से भगवान शिव का जलाभिषेक करना अनंत फलदायी माना जाता है. भोलेनाथ अर्धनारीश्वर होकर भी काम विजेता, गृहस्थ होकर भी परमविरक्त, नीलकंठ होकर भी विष रहित, उग्र होते हुए भी सौम्य, अकिंचन होते हुए भी सर्वेश्वर है.


यह है महाशिवरात्रि का महत्व


फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. मान्यता है कि महाशिवरात्रि शिव और शक्ति की मिलन की रात है. इसी रात भगवान शिव और पार्वती ने एक दूसरे से विवाह किया था. भगवान शिव ने आज के ही खास अवसर पर वैराग्य छोड़कर गृहस्थ आश्रम में प्रवेश किया था. इसलिए महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शिवभक्त शिव-पार्वती का विवाह कराते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दाम्पत्य जीवन में खुशहाली आती है. 


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