Mahashivratri: झारखंड के संथाल परगना में तैयारी पूरी, विधि विधान से होगा भगवान शिव-पार्वती का विवाह
Mahashivratri 2022: झारखंड के संथाल परगना में शिवरात्रि को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. मंगलवार की देर रात को पूरे विधि विधान के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह किया जायेगा.
Maha Shivratri 2022: झारखंड के संथाल परगना में शिवरात्रि को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. मंगलवार की देर रात को पूरे विधि विधान के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह किया जायेगा. देवघर में ज्योतिर्लिंग बाबा वैधनाथ और उपराजधानी दुमका जिले के विश्व प्रसिद्ध बाबा वासुकिनाथ धाम में प्रशासन शिव पार्वती की शादी के लिए तैयार है.
भक्त इसको लेकर काफी उत्साहित हैं. महाशिवरात्रि के इस महापर्व को सदियों से मनाये जाने की परम्परा है. शास्त्रों के मुताबिक महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव को खुश करने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की है. देर रात को शिवबारात निकलेगी.
हालांकि प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए बारात निकालने पर पाबन्दी लगाई है. लेकिन बाबा वैधनाथ धाम और बाबा बासुकीनाथ धाम में श्रद्धालुओं का जमावड़ा होना शुरू हो गया है. हर कोई बाबा और मैया की शादी का गवाह बनकर अपने को धन्य होना चाहता है. यही वजह है कि झारखण्ड के अलावे बिहार, बंगाल और मिथिलांचल से श्रद्धालु चले आते हैं और व्रत रख पूरी श्रद्धा से बाबा मैया के पवित्र विवाह का शाक्षी बनते हैं और रात भर नाचते-गाते और झूमते रहते हैं.
आज के ही दिन बाबा भोले नाथ ने माता पार्वती से किया था विवाह
बताया जाता है कि देश के बारह द्वादश ज्योर्तिलिंग में से एक देवघर का कामना लिंग बाबा वैधनाथ के मंदिर और फौजदारी बाबा के रुप में विख्यात बासुकिनाथ में नागेश ज्योर्तिलिंग का यह दरबार भक्तों की संपूर्ण कामनाओं को पूरा करता है. ऐसे में वैधनाथ बाबा के दरवार में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं और अपने बाबा के प्रति विश्वास को लेकर दूर-दूर से नागेश्नाथ के दरवार में आते हैं. खासकर जब शिवरात्रि का दिन हो.
कहा जाता है कि आज के ही दिन बाबा भोले नाथ ने माता पार्वती से विवाह किया था. कहावत ये है की शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ अपने आवास हिमालय से उतरकर सभी शिवालयों में विराजमान हो जाते हैं और जो भी भक्त बाबा की श्रद्धा से कामना करते हैं बाबा उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं. खास कर स्त्रियां इस दिन को काफी शुभ मानती हैं और दिन भर उपवास रखकर बाबा की आराधना करती हैं. जिससे उन्हें मन वांछित फल मिल सके. कहा जाता है की मां सती का ह्रदय इसी देवघर में गिरा था. इसलिए इस स्थान को हृदयपीठ भी कहा जाता है.
डीआईजी सुदर्शन मंडल ने दी जानकारी
संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन मंडल ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि शिवरात्री को देखते हुए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. मंदिर और उसके आसपास सीसीटीवी कैमरा के अलावे सिविल ड्रेस में पुलिस की नियुक्ति की गई है.
मान्यता है कि देवघर के बाबा बैधनाथ को दीवानी और दुमका के बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा कहा जाता है. कहते हैं कि इस फौजदारी दरवार से कोई भी श्रद्धालु यहां से खाली हाथ नहीं लौटता और उसकी फरियाद जल्द ही पूरी होती है. इसलिए श्रद्धालु देवघर के बाद बासुकीनाथ धाम जरूर पहुंचते हैं. खासकर यहां झारखण्ड के अलावे बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु भी आते हैं.
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