Jharkhand Cabinet Expansion: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का गुरुवार (5 दिसंबर) को कैबिनेट विस्तार हुआ, जिसमें 11 मंत्रियों ने शपथ ली. राज्यपाल संतोष गंगवार ने यहां राजभवन में आयोजित समारोह में सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. कैबिनेट विस्तार के बाद जेएमएम सांसद महुआ माजी और कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने प्रतिक्रिया जाहिर की.
झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी ने कैबिनेट विस्तार को राज्य की प्रगति के लिए सकारात्मक कदम बताया. उन्होंने कहा, "हम नए मंत्रिमंडल को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं देते हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नया मंत्रिमंडल इतना काम करेगा कि झारखंड को देश का नंबर एक राज्य बनाने का जो संकल्प हेमंत सोरेन ने लिया है, वह पूरी तरह से साकार होगा."
सात गारंटी गठबंधन की प्राथमिकता- कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि यह कैबिनेट विस्तार इस बात का प्रतीक है कि कहीं कोई संशय नहीं है. एक साथ पूरे कैबिनेट का गठन हो गया है. उन्होंने कहा, "जो हमारी सात गारंटी थी गठबंधन की, वे प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाएंगी. जो अन्य वादे किए गए हैं, उन्हें नई टीम नए उमंग के साथ पूरा करेगी. जो कॉम्बिनेशन बनाने की कोशिश की गई थी, उसमें कुछ लोग छूट गए हो सकते हैं, लेकिन उनका विश्वास है कि सभी का साथ और समावेश इस मंत्रिमंडल में होगा.
इससे पहले, हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में सोरेन के नेतृत्व वाले चार दलों के गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा को 34, कांग्रेस को 16, आरजेडी को चार और सीपीआई (माले) को दो सीटें मिली थीं.
गुरुवार शाम तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा संभव
सीपीआई (माले) ने मंत्रिमंडल से बाहर रहने का फैसला किया था. हेमंत सोरेन की पिछली सरकार के सात मंत्री इस बार कैबिनेट में नहीं दिखेंगे. पिछली सरकार में सबसे बुजुर्ग मंत्री रहे रामेश्वर उरांव को इस बार जगह नहीं मिल पाई. चार पूर्व मंत्री बेबी देवी, हफीजुल हसन, मिथिलेश ठाकुर और वैद्यनाथ राम चुनाव हार गए.
सत्यानंद भोक्ता इस बार चुनाव नहीं लड़ पाए, जबकि चंपई सोरेन पहले ही सत्तारूढ़ गठबंधन को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार शाम तक मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर सकते हैं.