(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand: जमशेदपुर में गुड्डा-गुड़िया की शादी में जुटे 500 बराती, शामिल हुए दो हजार लोग, जानें और क्या-क्या हुआ?
Doll Marriage: जमशेदपुर में छत्तीसगढ़ी परंपरा के तहत गुड्डा- गुड़िया की शादी हुई, जिसमें करीब 2000 लोगों ने भाग लिया. विधि-विधान से शादी की सारी रस्में हुईं, नाच-गाना और भोज का भी आयोजन हुआ.
Jamshedpur News: गुड्डा और गुड़िया की शादी की कहानी आप और हम अपने दादी नानी से सुनते आ रहे हैं, मगर सही में गुड्डा- गुड़िया की शादी देखने का आपको मौका मिले तो वाकई काफी खुशी होगी. जी हां, ये शादी जमशेदपुर में हुई, जहां हल्दी ,मटकोर, नाच- गाना के साथ पंडित जी का मंत्रोच्चार और फिर बरात भी सजी और बारात का आगमन हुआ. जहां शादी के कर्म में सिंदूर दान, प्रीतिभोज और फिर विदाई हुई. इस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की पत्नी भी पहुंचीं और कहा कि दृश्य बहुत सुंदर है मगर यह है हमारी परम्परा.
एक छत्तीसगढ़ी परिवार हर साल कराता है गुड्डा- गुड़िया की शादी
कहते हैं शादी- विवाह किसी गुड्डा-गुड़िया का खेल नहीं है. मगर,जमशेदपुर में एक छत्तीसगढ़ी परिवार के लिए खेल ही है जो प्रति वर्ष अक्षय तृतीया के बाद शुभ दिन पर गुड्डा- गुड़िया की शादी रचाते हैं. जहां परिवार के साथ पूरा समाज इस शादी में शामिल होता है, जिसमें लाखों रुपये खर्च कर शादी में होने वाले सभी विधि- विधान के साथ शादी कराई जाती है. हल्दी, मंडप से लेकर बरात और शादी के मंत्रोच्चार के बाद विदाई भी होती है. इस साल भी नाच गाना के साथ पूरे उत्साह से गुड्डा- गुड़िया की शादी रचाई गई. इस परंपरा को निभाने वाले घर के बुजुर्गों ने बताया इस शादी का मूल उद्देश्य परिवार समाज में खुशहाली लाना है और समाज में छोटे- छोटे बच्चे भी इस परंपरा को भूले नहीं, याद रखें इस कारण से छत्तीसगढ़ के समाज में गुड्डा- गुड़िया की शादी कराई जाती है. जिसमें बच्चे, बड़े सभी भाग लेते हैं और पूरा घरा एक उत्सव के माहौल में रम जाता है.
लव मैरिज के जमाने में नहीं दिखती ऐसी शादी
अब तो लव मैरिज का जमाना आ चला है, जहां इस तरह के नाच-गाना का दृश्य नहीं दिखाई देता है. जैसा जमशेदपुर के भलूवासा क्षेत्र में गुड्डा गुड़िया की शादी में दिखाई पड़ा. सभी शादी के रंग में रंगे नजर आए. इस शादी में लगभग दो हजार लोग शामिल हुए है. जिसमे लगभग 500 लोग बराती आए. विशेष भोजन भी बना. जहां निमंत्रण पर आई एक युवती ने बताया कि ऐसा उसने कभी नहीं देखा जो यहां गुड्डा- गुड़िया की शादी में दिखा. बहुत खुश है. बोली- आज मैं पहली बार गुड्डा-गुड़िया की असली शादी देखी. भले ही गुड्डा- गुड़िया की यह शादी किसी समाज की परंपरा है, लेकिन इस तरह की विधिवत शादी और धमाल किसी लव मैरेज वाले समारोह में नहीं मिलेगा जो समाज में एक जागरूकता भी लाता है कि कोई बेटी या बेटा जो माता- पिता के प्यार और दुलार को दर किनार कर शादी के फैसले लेते हैं, वे शायद गलत करते हैं. वे चाह कर भी इस तरह परिवार के बीच शादी का आनंद नही उठा सकते.
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