Jharkhand News: झारखंड कैबिनेट ने जाति आधारित सर्वेक्षण (Caste Based survey) को मंजूरी दे दी है. इसका समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा, ''निश्चित रूप से जाति आधारित सर्वेक्षण होनी चाहिए. डॉ. राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी और हमारे नेता राहुल गांधी ने भी वही बात कही है.''
बता दें कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव और हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने जोर-शोर से जाति आधारित सर्वेक्षण का मुद्दा उठाया था. चुनाव प्रचार में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का वादा भी किया गया था.
जाति आधारित सर्वेक्षण गलत नहीं - बन्ना गुप्ता
बन्ना गुप्ता ने कहा, ''झारखंड में पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, बीजेपी की बाबूलाल मरांडी सरकार ने 27 प्रतिशत का आरक्षण तोड़ कर उसे 14 प्रतिशत कर दिया. पिछड़ों के साथ अन्याय करने का काम किया है. जब जातिगत सर्वेक्षण होगी तो पता चलेगा किसकी कितनी संख्या है. इसमें क्या खराबी है. ये तो बहुत अच्छी चीज है.''
सर्वे की जिम्मेदारी कार्मिक विभाग को दी गई
झारखंड में सीएम चंपई सोरेन ने लोकसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सर्वेक्षण कराने की घोषणा की थी. चंपई सोरेन ने फरवरी में घोषणा करते हुए ट्वीट किया था, ''जिसकी जितनी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी. झारखंड है तैयार.'' सर्वेक्षण को लेकर कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए थे. सर्वे की जिम्मेदारी कार्मिक विभाग को दी गई है.
झारखंड की कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने बुधवार को जाति आधारित सर्वेक्षण को मंजूरी मिलने की जानकारी दी थी. कैबिनेट में पारित प्रस्ताव में कहा गया है इसका उद्देश्य एससी-एसटी और ओबीसी को आनुपातिक समानता का अवसर उपलब्ध कराना है. हालांकि सर्वेक्षण के शुरुआत की तारीख नहीं बताई गई है.