Prime Minister Narendra Modi Worship at Deoghar Baidyanath Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को देवघर के प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर (Baidyanath Temple) और इसी परिसर में स्थित मां पार्वती के मंदिर में पूजा-अर्चना की. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर के 12 ज्योतिलिंर्गों में से देवघर के बाबा बैद्यनाथ एक है. इसकी प्रसिद्धि मनोकामना ज्योतिर्लिंग के रूप में है. पीएम नरेंद्र मोदी यहां पूजा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. हालांकि, इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने भी इस मंदिर में पूजा-अर्चना की थी, लेकिन तब वो प्रधानमंत्री नहीं थीं.


'खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं'
प्रधानमंत्री लगभग 3 बजे बाबा वैद्यनाथ के गर्भगृह में पहुंचे. उन्होंने सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से लाए गए जल, दूध, पंचामृत के साथ ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किया और इसके बाद मंत्रोच्चार के बीच फूल, बेल पत्र, मदार, धतूरा अर्पित किया. फिर आरती और क्षमा प्रार्थना की. मंदिर गर्भगृह में उन्हें मुख्य पंडा ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया. बाद में देवघर कॉलेज मैदान में जनसभा संबोधन के दौरान भी प्रधानमंत्री ने कहा कि वो यहां आकर अभिभूत हैं. देवघर ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ का दर्शन कर वो खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं.


श्रावणी मेले की हो रही है शुरुआत
उल्लेखनीय है कि, देवघर में 14 जुलाई से महीने भर तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की भी शुरुआत हो रही है. बिहार के सुल्तानगंज से लेकर झारखंड के देवघर तक 108 किलोमीटर के क्षेत्र में चलने वाला ये एशिया का सबसे लंबा मेला क्षेत्र माना जाता है.


पूरी होती है हर मनोकामना 
देवघर का ये अति प्राचीन मंदिर बीते कई सौ वर्षों से आस्था का केंद्र रहा है. पंडा देवघर में धर्मरक्षिणी समाज के उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं में देवघर को हृदयापीठ कहा जाता है क्योंकि यहां मां सती का हृदय गिरा था. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां सच्चे मन से उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होती है.


रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद ने भी यहां की पूजा
महान आध्यात्मिक संत रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद ने भी देवघर में बाबा बैद्यनाथ की पूजा की थी. स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) पहली बार 1887 में देवघर आए थे. बताते हैं कि स्वामी विवेकानंद उन दिनों बेहद अस्वस्थ थे. उनके सहयोगियों ने स्वास्थ्य लाभ के लिए देवघर जाने की सलाह दी थी. इसके बाद भी वो 2 से 3 बार यहां आए.


महात्मा गांधी ने किया था सत्याग्रह
मंदिर के इतिहास पर शोध करने वाले सुनील झा बताते हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) 2 बार देवघर आए थे. पहली बार 1925 और दूसरी बार 1934 में. उन दिनों इस मंदिर में वर्ण और जाति के आधार पर विभेद की व्यवस्था बना दी गई थी. निम्न मानी जाने वाली जातियों के लोगों को मंदिर के गर्भगृह के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जाता था. महात्मा गांधी को जब ये बात पता चली थी तो उन्होंने सत्याग्रह करके मंदिर में सभी वर्ग के लोगों का प्रवेश सुनिश्चित कराया था.


प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी पूजा
देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद (Dr Rajendra Prasad) ने सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेने के कुछ महीनों बाद यहां पहुंचकर पूजा की थी. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी यहां पूजा की थी.


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