Shooter Tara Shahdeo Case: शूटर तारा शाहदेव केस में दोषी रकीबुल को उम्रकैद, मां कौसर रानी को दस साल की सजा, पीड़िता ने क्या कहा?
Tara Shahdeo Case: तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन मामले में रांची स्थित सीबीआई कोर्ट ने 30 सितंबर को रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को दोषी करार दिया था. इसके बाद गुरुवार को रकीबुल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
Jharkhand News: नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव (Tara Shahdeo) के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के मामले में रांची (Ranchi) स्थित सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने दोषी रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली (Raqibul aka Ranjit Kohli) को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वहीं रकीबुल की मां कौसर रानी को दस साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा साजिश रचने के आरोपी झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद को 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है.
रकीबुल को उम्रकैद की सजा होने के बाद तारा शाहदेव ने कहा, "मैं कोर्ट और सीबीआई को धन्यवाद देना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया. ये न्याय सिर्फ मेरे लिए नहीं है, देश की हर बेटी को ये भरोसा मिलेगा कि जो भी उनके साथ ऐसा करेगा, उसे सजा मिलेगी, जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें डर होगा कि कहीं किसी के साथ ऐसा व्यवहार न हो. जब मेरी लड़ाई शुरू हुई तो इसे घरेलू हिंसा का नाम दे दिया गया. लेकिन, मेरी कोशिश थी कि किसी भी लड़की के साथ ऐसा न हो. लोग ये शब्द बोलने से झिझकते थे. इस फैसले के बाद वे इसके खिलाफ खुलकर सामने आएंगे."
कोर्ट ने 30 सितंबर को आरोपियों को दिया था दोषी करार
इससे पहले बीते 30 सितंबर को शूटर तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना के मामले में सीबीआई कोर्ट ने तीनों आरोपियों रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौसर रानी और झारखंड हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया था. इसके बाद तीनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था. अदालत की ओर से फैसला सुनाए जाने के वक्त प्रताड़ना की शिकार हुई तारा शाहदेव भी अपने पति के साथ उपस्थित थीं.
सीबीआई ने 2015 में टेक ओवर किया था केस
धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना का यह मामला साल 2014 में पूरे देश में चर्चित हुआ था. इस केस को हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में टेक ओवर किया था. जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 2017 में रंजीत उर्फ रकीबुल, कौसर रानी और मुश्ताक अहमद के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी. आरोपियों के खिलाफ दो जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. इसके बाद से तीनों के खिलाफ लंबा ट्रायल चला.
26 गवाहों के बयान कोर्ट में हुए थे दर्ज
सीबीआई की ओर से की गई बहस के दौरान तारा शाहदेव की ओर से रकीबुल पर लगाए गए धर्म परिवर्तन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना आरोपों को सही बताया गया. रकीबुल की मां और हाईकोर्ट के बर्खास्त रजिस्ट्रार को भी इस पूरी साजिश में सहभागी बताया गया. सीबीआई ने इस मामले में कुल 26 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए थे. कई सबूत भी कोर्ट के सामने पेश किए गए थे.
शूटर तारा शाहदेव ने क्या आरोप लगाया था?
बता दें कि नेशनल शूटर तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर धोखा देकर शादी करने का आरोप लगाया था. दोनों की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी. शादी के बाद उसे पता चला कि रंजीत सिंह कोहली पहले ही अपना धर्म बदलकर इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था और उसने अपना नाम रकीबुल हसन रख लिया था. तारा शाहदेव से शादी के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाने लगा. तारा शाहदेव ने पुलिस में दर्ज कराए गए मामले में बताया था कि ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया था.
सिंदूर लगाने से भी किया था मना
शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था. रकीबुल और उसकी मां दोनों तारा को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते थे और उससे कहते थे कि अगर वह चाहती है कि उसकी शादीशुदा जिंदगी सामान्य रहे तो वह इस्लाम कबूल कर ले. उसे सख्त चेतावनी दी गई थी कि वह सिंदूर न लगाए, अन्यथा उसके हाथ तोड़ दिए जाएंगे. तारा ने आरोप लगाया था कि ससुराल वालों की ओर से दहेज की भी मांग की गई. करीब डेढ़ महीने की प्रताड़ना के बाद 17 अगस्त 2014 को अपने भाई को एक घरेलू नौकर के मोबाइल फोन से कॉल किया और उसे पुलिस के साथ अपने ससुराल आने के लिए कहा. इसके बाद तारा को मुक्त कराया गया था.
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