Navratri 2022: महानवमी के अवसर पर मंत्री बन्ना गुप्ता ने पूरे विधि विधान से किया कन्या पूजन, कही बड़ी बात
Navratri Kanya Pujan: झारखंड (Jharkhand) सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने महानवमी के मौके पर पूरे विधि विधान से कन्या पूजन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया.
Jharkhand Minister Banna Gupta Navratri Kanya Pujan: झारखंड (Jharkhand) के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने महानवमी के पावन मौके पर कन्या पूजन किया. इस दौरान उन्होंने माता का स्वरूप मानी जाने वाली कन्याओं का पूरे विधि विधान के साथ पूजन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया. बन्ना गुप्ता हर साल नवरात्रि के मौके पर अपने परिवार के साथ कन्या पूजन करते हैं. नवरात्रि के अंतिम दिन यानी महानवमी के मौके पर किए जाने वाले कन्या पूजा का महत्व शास्त्रों में बताया गया है. कन्या पूजन (Kanya Pujan) के उपरांत नवरात्रि का समापन होता है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस दौरान पूरे विधि विधान से कन्या पूजन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया.
बन्ना गुप्ता ने दी महानवमी की शुभकामनाएं
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा की माता की पूजा के साथ हमें अपने आप मे भी बदलाव लाना होगा, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा को समाप्त करना होगा ताकि सही मायने में माता की आराधना सफल हो सके. बन्ना गुप्ता ने लोगों को महानवमी की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट कर कहा कि, ''आप सभी को महानवमी की हार्दिक शुभकामनाएं. अष्ट सिद्धि, नौ निधियों की प्रदाता मां सिद्धिदात्री की अनुकंपा समस्त देशवासियों पर बनी रहे. जय माता दी🙏!!''
आप सभी को महानवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ..
— Banna Gupta (@BannaGupta76) October 4, 2022
अष्ट सिद्धि, नौ निधियों की प्रदाता माँ सिद्धिदात्री की अनुकंपा समस्त देशवासियों पर बनी रहे।
जय माता दी🙏!! pic.twitter.com/Pw7Zd9gyfi
क्या कहते हैं आंकड़े
इस बीच आपको ये भी बता दें कि, भले ही नवरात्रि की नवमी तिथि पर झारखंड में घर-घर कन्याओं की पूजा हो रही हो, लेकिन जमीनी तौर पर देखें तो राज्य में कन्याओं का हाल अच्छा नहीं है. खेलने-पढ़ने की उम्र में ही लड़कियों पर गृहस्थी और मातृत्व का बोझ डाल दिया जा रहा है. जनगणना से लेकर एनएफएचएस (National Family Health Survey) तक के आंकड़े इसकी गवाही देते हैं. राष्ट्रीय फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की वर्ष 2020-21 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 32.2 फीसदी मामले बाल विवाह (Child Marriage) को लेकर दर्ज किए गए हैं. यानी यहां हर 10 में से 3 लड़कियां बालपन में ब्याह दी जा रही है.
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