Jharkhand Naxalite Attack: झारखंड में नक्सलियों ने अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज कराई है. जहां लगातार नक्सलियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के बाद अचानक चाईबासा जिले के चक्रधरपुर जैसे सबसे आबादी वाले शहरी क्षेत्र से सटे गोइलकेरा थाना क्षेत्र के कदमडीहा में मौजूद पंचायत भवन में आईईडी विस्फोट कर भवन के परखच्चे उड़ा दिए. पंचायत के दरवाजे पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लेकर नक्सलियों ने अपनी मांग रखी है.


झारखंड में नक्सलियों का आतंक
गोइलकेरा पंचायत भवन में धमाका करने के बाद नक्सलियों ने 12 से 21 फरवरी तक राज्यव्यापी प्रतिरोध दिवस की जानकारी लिखकर सार्वजनिक की है, वहीं उन्होंने भाकपा माओवादी जिंदाबाद और पीएनजीईए जिंदाबाद के नारे भी लिखे हैं. उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिखकर पूछा है कि माओवादियों को खदेड़ने के नाम पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा कोल्हान के आदिवासियों पर बर्बरता क्यों की जा रही है और कोल्हान के गांव और जंगलों में बमबारी क्यों की जा रही है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जवाब दो.




लगातार बीते दो महीने से नक्सली मचा रहे उत्पात
जानकारी हो कि बीते 2 महीने से नक्सली अपने हर वारदात को अंजाम देते आ रहे हैं जिसमें सुरक्षाबलों को सीधे निशाना बनाया जा रहा है, जहां पुलिस का अभियान आम लोगों में नक्सलियों के खिलाफ विश्वास भरने में असफल होता देखा जा रहा है. बगल की झीले सरायकेला में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाकर कई नक्सलियों को पुलिस ने मौत के घाट उतारा है जिसका बदला नक्सलियों ने धमाकेदार उपस्थिति के साथ दर्ज कराई है.


नक्सलियों का तांडव जारी
जिले में नक्सलियों का तांडव जारी है. बीते एक महीने में आधा दर्जन से अधिक आईईडी ब्लास्ट कर नक्सली सुरक्षबलों को खुली चुनौती दे रहे हैं. बता दें कि नक्सलियों के इस हमले में करीब एक दर्जन जवान और स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं. जिससे न केवल खुफिया तंत्र बल्कि पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है. पिछले दिनों डीआईजी अजय लिंडा ने दावा किया था कि कोल्हान में नक्सलियों से अंतिम लड़ाई चल रही है. उनकी ताकत कम हुई है, मगर एक के बाद एक आईईडी ब्लास्ट कर नक्सली अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.


बूढ़ा पहाड़ पर मुख्यमंत्री ने फहराया तिरंगा
गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आम लोगों में विश्वास जताने के लिए बूढ़ा पहाड़ बेस कैंप में जाकर तिरंगा फहराया था, कहा जाता है कि वहां पूर्व में नक्सलियों के संगठन द्वारा काला झंडा फहराया जाता था. जानकारी हो कि बूढ़ा पहाड़ छत्तीसगढ़ और झारखंड के सीमा पर मौजूद घने जंगलों से बसा पहाड़ है. जहां नक्सलियों द्वारा कई वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है.


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