Jharkhand Politics: झारखंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह (Kamlesh Singh) ने बुधवार (1 नवंबर) को हुसैनाबाद को अलग जिला नहीं बनाने पर राज्य की हेमंत सोरेन नीत सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की. सिंह ने चेतावनी दी थी कि अगर 31 अक्टूबर तक पलामू जिले के उपमंडल हुसैनाबाद को अलग जिला नहीं बनाया गया तो वह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे.


हुसैनाबाद के विधायक सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2020 में झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को इस शर्त पर समर्थन दिया था कि उप-मंडल को एक जिला बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हुसैनाबाद की जनता सरकार से हार गयी है. उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी नहीं हुई है. इसलिए सरकार के साथ रहने का कोई मतलब नहीं है.’’


NCP कार्यकर्ता गठबंधन सरकार को करेंगे बेनकाब-सिंह 


महाराष्ट्र में एनसीपी के भीतर खींचतान के बाद, सिंह अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले गुट का हिस्सा बन गए, जो बीजेपी (BJP) के साथ है. वह हालांकि झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बने रहे, जिसमें झामुमो, राजद और कांग्रेस शामिल हैं. सिंह ने आरोप लगाया कि सोरेन सरकार के कुशासन से राज्य की जनता भयभीत है. उन्होंने कहा, “यह लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है. एनसीपी कार्यकर्ता झारखंड में गठबंधन सरकार को बेनकाब करेंगे.”


कमलेश सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य में अवैध रेत खनन बढ़ गया है, जिससे सरकारी खजाने को भारी राजस्व हानि हो रही है. झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के 48 विधायक हैं जिनमें झामुमो के 30, कांग्रेस के 17 और राजद के एक सदस्य शामिल हैं. बीजेपी के पास 26 और आजसू पार्टी के पास तीन विधायक हैं. एनसीपी और भाकपा (माले) के एक-एक विधायक के अलावा दो निर्दलीय विधायक हैं.


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