Jharkhand 34th National Games Scam: झारखंड (Jharkhand) में वर्ष 2011 में हुए 34वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण में घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगी. झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सोमवार को जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. इससे पहले इस घोटाले की जांच झारखंड का एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा था. अदालत ने एसीबी की जांच पर ना सिर्फ गहरा असंतोष जताया, बल्कि सीबीआई (CBI) को इस बिंदु पर भी जांच करने को कहा कि किन अधिकारियों की वजह से जांच में देरी हुई है. अदालत ने कहा है कि घोटाले की जांच में झारखंड सरकार सीबीआई का सहयोग करेगी. 34वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन 2008 में झारखंड में होना था, लेकिन अलग-अलग वजहों से आयोजन 6 बार टालना पड़ा और अंत में 2011 के फरवरी में झारखंड के रांची (Ranchi) और धनबाद (Dhanbad) जिले में इस खेल का आयोजन हुआ था.


एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू की जांच 
आयोजन के लिए तत्कालीन सरकार ने एक आयोजन समिति बनाईए जिसमें आरके आनंद को अध्यक्ष और पीसी मिश्रा को निदेशक बनाया गया. समिति में एसएम हाशमी को महासचिव और मधुकांत पाठक को कोषाध्यक्ष बनाया गया था. आयोजन होने के पहले ही खरीदारी और अन्य खर्चे में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की खबरें आने लगीं तो झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने 2010 में एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी. इस घोटाले में आयोजन समिति के अध्यक्ष आरके आनंद, निदेशक मिश्रा, महासचिव हाशमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक को आरोपी बनाया गया. तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की को भी घोटाले में आरोपी बनाया गया. फिहलाल ये सभी जमानत पर हैं. इनके आलावा सुविमल मुखोपाध्यायए, एचएल दास, प्रेम कुमार चौधरी, सुकदेव गांधी और अजीत जोइस को अप्राथमिक आरोपी बनाया गया था.


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अधिक राशि का किया गया भुगतान 
एसीबी की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर में घोटाले की कुल रकम 28.34 करोड़ रुपये बताई गई थी. आरोप है कि आयोजन समिति के पदाधिकारियों की मिलीभगत से जरूरत से अधिक खेल सामग्री खरीदी गई थी. सामान की खरीदारी में बाजार मूल्य से अधिक की राशि का भुगतान किया गया था. आयोजन समिति के अध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा था. उनके रांची आगमन पर राजकीय अतिथिशाला में ठहरने, कहीं आने जाने के लिए परिवहन और सुरक्षा की व्यवस्था थी. आरोप है कि आनंद गेस्ट हाउस में ठहरने के बजाए रांची के बड़े होटलों में ठहरते थे, जिस पर हुए खर्च को भी आयोजन में जोड़ दिया गया. उनके होटलों में ठहरने का बिल लगभग 10 लाख रुपए का था. एसीबी राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति, एनजीओसी के महासचिव एसएम हाशमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक, निदेशक पीसी मिश्रा के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.


दायर की गईं जनहित याचिकाएं 
खेल घोटाले और एसीबी जांच में देरी को लेकर सुशील कुमार सिंह मंटू, झारखंड अगेंस्ट करप्शनए सेंटर फॉर आरटीआई की ओर से अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनपर सुनवाई के बाद अदालत ने अब जांच सीबीआई को हैंडओवर करने का आदेश दिया है.


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