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Opposition Parties Meeting: BJP के खिलाफ 2019 में भी एकजुट हुआ था विपक्ष, जानें क्या रहा था महागठबंधन का नतीजा?
Opposition Meeting: 2019 चुनाव से पहले ही JMM, INC, RJD ने महागठबंधन बना लिया था. इसी के साथ बेहतर तालमेल से महागठबंधन ने मतदान से पहले सीटों का बेहतर ढंग से बंटवारा किया और नतीजा उनके हक में आया.
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Opposition Meeting in Patna: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से कैसे हटाया जाए, इसको लेकर विपक्षी दलों ने महागठबंधन बनाकर तैयारी शुरू कर दी है, जिसको लेकर कल 18 विपक्षी दलों ने पटना में बैठक की. हालांकि ऐसा पहला बार नहीं हुआ. इससे पहले झारखंड में भी महागठबंधन बना था और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. उस वक्त बीजेपी ने झारखंड विधानसभा 2014 चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. क्योंकि 2019 के चुनाव में बीजेपी अकेले चुनावी अखाड़े में उतरी थी और उसके सामने JMM, INC, RJD का महागठबंधन था.
महागठबंधन ने दी थी शिकस्त
राजनीतिक जानकारों ने झारखंड विधानसभा में बीजेपी के पिछड़ने और पहले से खराब प्रदर्शन के पीछे कई वजह बताई थी, लेकिन इनमें सबसे बड़ी वजह महागठबंधन थी. दरअसल, 2014 के विधानसभा चुनाव में विपक्ष एकजुट नहीं था, लेकिन 2019 के चुनाव में विपक्ष एकुजट हो गया था. बता दें कि, चुनाव से काफी पहले ही झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी ने महागठबंधन बना लिया था. इसी के साथ बेहतर तालमेल से महागठबंधन मतदान से काफी पहले सीटों का बेहतर ढंग से बंटवारा कर पाया. सही दिशा, सटीक रणनीति के साथ चुनाव प्रचार कर पाया. उन्हें चुनाव प्रचार का अच्छा समय मिला गया था.
बीजेपी ने तोड़ा आजसू से गठबंधन
वहीं दूसरी ओर बीजेपी अंतिम समय तक 20 साल से साथ रही पार्टी आजसू से गठबंधन को लेकर कंफ्यूज रही थी. आजसू से गठबंधन को लेकर वह अंतिम समय तक फैसला नहीं कर पाई फिर आखिर में तय हुआ कि आजसू से गठबंधन नहीं होगा. वहीं सीट बंटवारे और चुनाव प्रचार में देरी ने बीजेपी के प्रदर्शन पर असर डाला. कई सीटों पर आजसू ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाया था. राजनीतिक पंडितों का कहना था कि, प्रत्याशियों के चुनाव में देरी से बीजेपी की रणनीति उतनी मजबूत नहीं बन पाई जितनी एकजुट विपक्ष को हराने के लिए बननी चाहिए थी. चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी प्रत्याशियों को कम समय मिला. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन शुरू से एकजुट नजर आया.
क्या रहा महागठबंधन का नतीजा?
विधान सभा चुनाव 2019 में कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के महागठबंधन ने कुल 47 सीटों के साथ बहुमत हासिल कर लिया था. इसका मतलब था कि झारखंड विधानसभा की कुल 81 सीटों पर सत्ता का दावा पेश करने के लिए महागठबंधन ने 41 सीटों के जादुई आंकड़े को आसानी से पार कर लिया. इनमें झामुमो ने 30 सीटें जीतीं थी, कांग्रेस ने 16 सीटें और राजद ने एक सीट जीती थी. वहीं रघुबर दास के नेतृत्व वाली पार्टी जो बिना सहयोगियों के मैदान में उतरी थी, वो केवल 25 सीटों पर ही सिमट गई, जिससे बीजेपी को झारखंड की सत्ता से बेदखल होना पड़ा.
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