Jharkhand Rajya Sabha Election Politics: झारखंड (Jharkhand) से राज्यसभा की 2 सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर राज्य के सत्ताधारी गठबंधन के घटक दलों में सियासी रस्साकशी तेज हो गई है. झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास विधायकों का जो संख्या बल है, उसके हिसाब से राज्यसभा की 2 में से एक सीट पर इसके उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है. इस तयशुदा सीट पर कांग्रेस (Congress) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) दोनों दल अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस के 4 मंत्रियों और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से मुलाकात कर राज्यसभा सीट के लिए पार्टी की ओर से दावेदारी पेश की. उन्होंने सीएम से कहा कि राज्यसभा के पिछले चुनाव में कांग्रेस के विधायकों ने गठबंधन धर्म का निर्वाह करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के पक्ष में वोट किया था इसलिए इस बार गठबंधन की ओर से कांग्रेस का प्रत्याशी उतारा जाना चाहिए. कांग्रेस की दावेदारी पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस मसले पर वो अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं से बात करेंगे. गठबंधन में आपसी रायशुमारी के बाद ही इसपर निर्णय लिया जाना उचित होगा. 


मजबूत है JMM की दावेदारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमने अपनी बात गठबंधन के मुखिया के सामने रख दी है, उनका रुख सकारात्मक लग रहा है. कांग्रेस नेताओं की सीएम से मुलाकात के कुछ ही देर बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि गठबंधन के भीतर संख्या बल के हिसाब से झामुमो बड़ी पार्टी है और इस लिहाज से हमारी पार्टी की दावेदारी ज्यादा मजबूत है. इधर, झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा है कि राज्य में गठबंधन की सरकार 3 दलों के सहयोग से चल रही है और हमारा मानना है कि सबसे बड़े दल को सहयोगी दलों के हितों का भी ख्याल रखना चाहिए.


एक सीट पर तय है जीत 
गौरतलब है कि, 82 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 82 है. सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की कुल संख्या 48 है. इनमें झामुमो के 30 और कांग्रेस के 17 विधायक हैं. गठबंधन के तीसरे घटक दल राजद का मात्र एक विधायक है. विधायकों के संख्या बल के हिसाब से राज्यसभा की 2 सीटों में से एक सीट पर सत्तारूढ़ गठबंधन की जीत तय मानी जा रही है. सत्तारूढ़ गठबंधन अगर दूसरी सीट पर भी उम्मीदवार उतारता है तो उसकी जीत तभी हो सकती है जब राज्य में राजनीतिक उलटफेर की कोई असामान्य परिस्थिति बन जाए. ऐसे में एकमात्र सुनिश्चित सीट को लेकर ही झामुमो और कांग्रेस के बीच दावेदारी को लेकर रस्साकशी जारी है. 


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